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लाइफ स्टाइल

Friendship Day 2018: REAL और FAKE FRIENDS के बीच होते हैं ये 7 फर्क, आसानी से पहचानें ‘MASKED FRIENDS’

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दो दिन बाद यानी 5 अगस्त को FRIENDSHIP DAY  है। आप सभी के पास इस दिन को सेलिब्रेट करने के काफी सारे प्लान्स होंगे। आपकी लाइफ में यकीनन ढेरों FRIENDS होंगे जिन्हें आप बहुत स्पेशल मानते होंगे। लेकिन क्या आपको पता है दोस्ती की इस सतरंगी दुनिया में कुछ दोस्त ऐसे भी होते हैं जो मास्क्ड यानी दोहरे चरित्र के होते हैं। इस तरह के लोग केवल नाम की दोस्ती करते हैं और भरपूर फायदा उठाते हैं। आज के दौर में सच्ची दोस्ती और फेक दोस्ती के बीच फर्क करना बहुत जरूरी है अन्यथा लाइफ कॉम्प्लिकेटेड हो जाएगी। आइये बताते हैं REAL और FAKE FRIENDS के बीच फर्क कैसे करें –

FRIENDSHIP DAY

साभार – INTERNET

  • आपका Real Friend हर कीमत पर आपकी मदद करने को तैयार रहता है। चाहे उसके लिए उसे अपनी सेविंग्‍स खत्‍म करनी पड़ी या कोई बड़ा फैसला लेना पड़े।
  • आपका काम कैसा हो, नया काम शुरू करना हो, कोई फैसला लेना हो, Real Friend आपके साथ खड़ा रहता है। वो आपका साथ किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ता। लेकिन मतलबी दोस्‍त आपका मजाक बनाते हैं।
  • जब भी आप उदास होते हैं तो उसका कंधा आपको रोने के लिए मिलता है। दुख या उदासी की घड़ी में वो आप तक पहुंच जाता है। बाकी दोस्‍त तो केवल खुशी शेयर करते हैं।
  • अगर आपकी कोई बात Real Friend को अच्‍छी नहीं लगती तो वो आपसे बात करता है। माफ भी कर सकता है। लेकिन Fake Friend आपसे लड़ते हैं या पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं। जो आपके सक्‍सेस में साथ खड़ा हो। आपकी खुशी में वो आपसे ज्‍यादा खुश दिखे। वही Real Friend होता है।
  • Real Friend आपके हर सीक्रेट को जानता है और उसे राज रखता है। किसी भी तरह से उसे बाहर वालों तक नहीं पहुंचने देता।
  • Real Friend  चाहे साथ काम ना करें, आसपास ना रहें, साथ ना पढ़ें फिर भी आपसे मिलने और बात करने का वक्‍त निकाल ही लेते हैं।
  • Real Friend ही आपकी हर आदत को जानता है। वो जानता है कि आप किसी परिस्थिति में कैसा बर्ताव करेंगे, कैसे रहेंगे। जो आपको किसी तरह से उकसाए वो फेक हैं, उनसे दूर रहें।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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