प्रादेशिक
थालियों में लौट रहा नगरी दुबराज
रायपुर| छत्तीसगढ़ धमतरी जिले में एक समय था जब धान की किस्म ‘नगरी दुबराज’ की ख्याति दूर-दूर तक थी, लेकिन प्रति एकड़ कम उत्पादन और बाजार में सही दाम नहीं मिलने की वजह से किसानों का रुझान इस ओर कम होता गया। कृषि विभाग इस किस्म को अब प्रोत्साहन दे रहा है, ताकि थालियां फिर से महकने लगें। सुगंधित दुबराज चावल की प्रसिद्धि को वापस लाने के लिए कृषि विभाग द्वारा खरीफ वर्ष 2013-14 में आत्मा प्रोजेक्ट के तहत धमतरी के गांवों के 70 एकड़ में प्रदर्शनी लगाई गई। बहीगांव, सारंगपुरी, बेलरगांव, सांकरा, खम्हरिया, बोरई एवं लिखमा के 70 किसानों को प्रोत्साहित कर उन्हें प्रति एकड़ 20 किलो धान बीज, दो-दो क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, कल्चर उपलब्ध कराया गया है।
धमतरी जिले के नगरी विकासखंड के खम्हरिया गांव के उन्नत कृषक पुनीत कुमार साहू और लिखमा (बोरई) के राकेश कुमार समरथ ने बताया कि उनसे दुबराज का जैविक बीज लिया गया और किसानों को पूर्णत: जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसका अच्छा परिणाम देखने को मिला और किसानों ने प्रति एकड़ 13 से 14 क्विंटल की पैदावार ली।
समरथ ने बताया कि सुगंधित दुबराज धान को व्यापारियों ने हाथों-हाथ लिया। उन्होंने प्रति क्विंटल धान 3500 से 4000 रुपये में किसानों से खरीदा। इससे प्रोत्साहित हो अन्य किसानों की रुचि भी दुबराज धान की खेती में बढ़ी है।
धमतरी के एक लाख 45 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि में मात्र 30 से 35 एकड़ में ही नगरी क्षेत्र में दुबराज की पैदावर सिमट कर रह गई थी, जिसे किसान अमूमन स्वयं के उपयोग के लिए रख लेते थे। उम्मीद की जा रही है कि इस नई पहल से नगरी दुबराज लोगों के लिए सुलभ होगा और उनके भोजन का स्वाद बढ़ाएगा।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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