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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका पर मंडराया चिकनगुनिया का खतरा

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वाशिंगटन। एक नए शोध में आशंका जताई गई है कि अमेरिका में जल्द ही मच्छर-जनित चिकनुगुनिया का वायरस फैल सकता है। ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित अध्ययन में इस रोग के नियंत्रण के लिए मच्छरों की संख्या कम करने के प्रयास बढ़ाने पर जोर दिया गया।

गाल्वेस्टन की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास मेडिकल ब्रांच के शोधकर्ता स्कॉट वीवर ने कहा कि चिकनगुनिया दुनियाभर में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। शोधकर्ताओं ने बताया कि चिकनगुनिया के लक्षणों और संयुक्त सूजन को नियंत्रित करने के अलावा, इससे संक्रमित लोगों के उपचार के लिए कोई खास थेरेपी या प्रमाणित टीके नहीं है। वीवर ने कहा, “जब तक चिकनगुनिया बुखार के लिए कोई उपचार या टीका नहीं आता, तब तक इससे बचाव के लिए मच्छरों को कम करके और चिकनगुनिया के वायरस फैलाने वाले एडिस एइगप्ती और एडिस अल्बोपिक्टस मच्छरों का इंसान से संपर्क रोककर इसे फैलने से रोका जा जा सकता है।”

पानी को एक जगह ठहरने से रोककर, पानी भरने के कंटेनरों को नियमित तौर पर करके चिकनगुनिया के मच्छरों को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके साथ ही सुरक्षात्मक कपड़े पहनकर अथवा मच्छरों से बचाने वाली क्रीम का प्रयोग करके चिकनगुनिया से बचाव किया जा सकता है। चिकनगुनिया की पहचान सबसे पहले 1952 में वर्तमान तंजानिया में हुई थी। इसके बाद अफ्रीका, एशिया, दक्षिण प्रशांत क्षेत्र और यूरोप में भी यह वायरस फैलने की पुष्टि हुई थी। दिसंबर 2013 में कैरिबियन में अमेरिकी क्षेत्र का पहला चिकनगुनिया का मामला सामने आया था।

अध्ययन में बताया गया कि इसके बाद अमेरिका के 44 देशों या क्षेत्रों में चिकनगुनिया के मामले सामने आ चुके हैं। चिकगुनिया के लक्षण वायरसजनित मच्छर के काटने के तीन दिन बाद दिखते हैं। इसमें बुखार, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द जैसे लक्षण सामान्य हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि छोटे बच्चों, बूढ़ों और मधुमेह या दिल की बीमारियों वाले लोगों को इसका खतरा ज्यादा होता है।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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