नेशनल
आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से योगेंद्र-प्रशांत की छुट्टी, अदालत जाएंगे
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई आम आदमी पार्टी (आप) के दो संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव सहित चार वरिष्ठ नेताओं को पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया। ये चारों इधर कई हफ्तों से पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। शनिवार को पश्चिमी दिल्ली के कापसहेड़ा में हुई पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में करीब 311 सदस्य मौजूद थे। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने योगेंद्र और प्रशांत को हटाने का प्रस्ताव पेश किया।
बैठक में शामिल रहे एक सदस्य ने बताया कि केजरीवाल ने सदस्यों से कहा कि वे या तो उनका साथ दें या फिर योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण के साथ रहें। आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने बताया कि 247 सदस्यों ने चारों सदस्यों को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाने के पक्ष में वोट किया। सिर्फ आठ सदस्यों ने विरोध किया, जबकि 54 सदस्यों ने कोई राय जाहिर नहीं की। बैठक के दौरान विरोध में बोलने वाले एक सदस्य के साथ हाथापाई की बात भी सामने आई है। पार्टी के संस्थापक सदस्य प्रशांत व यादव ने अरविंद केजरीवाल को तानाशाह करार दिया और कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में फैसला अवैध तरीके से लिया गया। इसके खिलाफ वह अदालत जाएंगे। बैठक के दौरान केजरीवाल मौजूद थे, लेकिन मतदान होने के पहले वह वहां से चले गए। पार्टी ने योगेंद्र के समर्थकों आनंद कुमार और अजीत झा को भी 21 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया है।
बैठक सुबह 10 बजे से शुरू हुई, जिसमें दोनों गुटों के समर्थक नारा लगा रहे थे और एक दूसरे के खिलाफ बैनर लिए हुए थे। योगेंद्र यादव ने बैठक स्थल के बाहर प्रदर्शन भी किया। राष्ट्रीय परिषद के एक सदस्य ने कहा कि कई लोगों ने बैठक के दौरान यादव व प्रशांत के पक्ष में नारे लगाए, जिन्हें बल प्रयोग कर बाहर निकाल दिया गया। उदास दिख रहे प्रशांत ने बाद में कहा, “यह बात सही है कि हम अदालत या निर्वाचन आयोग का रुख कर सकते हैं या राष्ट्रीय परिषद की एक दूसरी बैठक बुलाने की मांग कर सकते हैं।” योगेंद्र ने बैठक से बाहर आने के बाद कहा, “राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लोकतंत्र की हत्या हुई है।” वहीं प्रशांत ने कहा कि जो लोग केजरीवाल से असमत थे, उन्हें पीटा गया और उन्हें बैठक से निकाल दिया गया।
आप के एक नेता संजय सिंह ने बैठक के दौरान मारपीट होने की बात से इनकार किया। उन्होंने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि कोई हिंसा नहीं हुई। किसी को कोई चोट नहीं आई। सारी झूठी बातें हैं। सर्वोच्च न्यायालय के वकील प्रशांत ने दावा किया कि बैठक की पटकथा पहले से तैयार कर ली गई थी। प्रशांत ने कहा, “जो कुछ हुआ, वह पूर्व नियोजित था। ऐसा लगता है कि सबकुछ पहले से लिखा गया था।”
योगेंद्र और प्रशांत ने पांच मांगों पार्टी के अंदर पारदर्शिता, पार्टी की स्थानीय इकाइयों को स्वायत्तता, भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकपाल, आप के अंदर आरटीआई के इस्तेमाल और मुख्य मामलों में गुप्त मतदान पर जोर दिया। दिल्ली में सरकार बनने के लगभग 15 दिनों बाद से ही योगेंद्र व प्रशांत मीडिया के सामने पार्टी के कामकाज में पारदर्शिता न होने और आंतरिक लोकतंत्र के अभाव की बात दोहराते रहे थे। हालांकि दोनों इस बात से इनकार करते रहे वे केजरीवाल को राष्ट्रीय संयोजक के पद पर नहीं देखना चाहते। कई हफ्तों बाद उन्होंने खुले तौर पर केजरीवाल की कार्यशैली पर उंगली उठानी शुरू कर दी।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर आनंद कुमार ने कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे। आनंद ने कहा कि हम पार्टी से बाहर नहीं हैं। हम न पार्टी छोड़ेंगे न तोड़ेंगे। यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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