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प्रादेशिक

मौसम का रुख बदला, किसान चिंतित

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कुछ दिनों पहले हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान से अभी किसान उबर भी नहीं पाए थे कि रविवार देर रात मौसम फिर से करवट बदल ली। रविवार देर रात मध्य तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जगह-जगह तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की बड़ी लकीरें खींच दी हैं। इस बीच, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान और बारिश होने की संभावना जताई है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ हरदोई, उन्नाव, कन्नौज, अमेठी, सीतापुर, बरेली, पीलीभीत तथा अन्य जिलों में रविवार रात से शुरू हुई हल्की बारिश सोमवार सुबह भी जारी रही। अधिकांश जिलों में आकाश पर काले बादल छाए हुए हैं। हरदोई में सोमवार सुबह तेज हवाओं के साथ तेज बारिश हुई। इसके साथ ही उन्नाव ,कन्नौज व अमेठी में तेज बारिश हुई है।

लखनऊ में रविवार रात से ही आसमान में बादल छाए थे। सोमवार सुबह हुई बारिश से मौसम एक बार फिर ठंडा हो गया। महोबा में तेज हवाओं के साथ बारिश होने और कन्नौज में कई जगहों पर ओले गिरने की खबर है। फैजाबाद में भी सोमवार को हल्की बारिश जारी है। बरेली, पीलीभीत, बदायूं तथा आसपास के क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ बारिश जारी है। पीलीभीत में बरेली मार्ग पर बड़ा पेड़ गिर जाने से लगे लंबे जाम से यातायात काफी बाधित है।

कृषि विशेषज्ञ कृष्णमौली उपाध्याय ने बताया कि इस समय बारिश होना किसानों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इससे किसान पर दोहरी मार पड़ेगी। गेहूं और सरसों की फसल को काफी नुकसान होगा, जो किसान के लिए हितकारी नहीं होगा। उप्र मौसम विभाग के निदेशक जे. पी. गुप्ता के अनुसार, अगले 24 घंटों में पश्चिमी उप्र के कई जिलों में बारिश होने और कुछ जगह ओले पड़ने की संभावना है। उन्होंने बताया कि सोमवार को प्रदेश में हल्के बादल छाए रहेंगे और अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी।

मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को लखनऊ का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। लखनऊ के अलावा सोमवार को वाराणसी का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस, इलाहाबाद का 16.3 डिग्री, कानपुर का 16.3 डिग्री, गोरखपुर का 14 डिग्री और झांसी का 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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