बिजनेस
आरआईएल को लेखा रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने का निर्देश
नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को निर्देश दिया कि देश के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट पर तीन सप्ताह के अंदर प्रतिक्रिया दे। लेखा रिपोर्ट में कृष्णा-गोदावरी बेसिन में स्थिति गैस ब्लॉक का कंपनी द्वारा संचालन पर विरोधी टिप्पणी दी है।
कंपनी की पैरवी कर रहे हरीश साल्वे का पक्ष सुनने के बाद न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति जे चेलामेस्वर और न्यायमूर्ति कुरियन की पीठ ने यह निर्देश दिया।
साल्वे ने पीठ को इससे पहले बताया कि लेख परीक्षा की 30 आपत्तियों की जगह सरकार ने 20 पर ही उसके ग्राहक का जवाब मांगा है।
अदालत ने 16 जनवरी को लेखा रिपोर्ट पर कंपनी का जवाब मांगा था, जिसमें 35.716 करोड़ डॉलर खर्च को नामंजूर करने की सिफारिश की गई थी, जिसके बारे में कंपनी का दावा है कि यह राशि उसने कुएं की खुदाई पर और गैस ब्लॉक ठेकेदार को भुगतान की है।
रिपोर्ट में गैस मूल्य निर्धारित करने में देर करने और खर्च अनुमान के विसंगतिपूर्ण मानक तय करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय पर भी सवाल उठाया गया है।
अदालत ने तीन याचिकाकर्ताओं-पूर्व कम्युनिस्ट सांसद गुरुदास दासगुप्ता, गैर सरकारी संगठन कॉमन काउज और वकील मनोहर लाल शर्मा-और सरकार को रिपोर्ट पर कंपनी की प्रतिकिया पर जवाब देने की अनुमति दी।
अदालत ने रिपोर्ट की जांच कर रही संसद की लोक लेखा समिति की प्रक्रिया पर महाधिवक्ता को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की भी अनुमति दी।
अदालत जब सुनवाई की अगली तारीख पर विचार कर रही थी तो उससे छोटी अवधि की तारीख देने का आग्रह किया गया, क्योंकि गैस मूल्य पर मध्यस्थता के लिए आरआईएल की एक याचिका पर न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने तारीख तय कर दी है।
अदालत ने इसके बाद सुनवाई की अगली तारीख पांच मई तय कर दी।
अन्य मुद्दों के साथ याचिकाकर्ताओं ने गैस मूल्य को 4.2 डॉलर प्रति यूनिट से बढ़ाकर 8.4 डॉलर प्रति यूनिट करने के पिछली सरकार के फैसले को भी चुनौती दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हालांकि 25 अक्टूबर 2014 की एक अधिसूचना के जरिए एक नया घरेलू गैस मूल्य दिशानिर्देश जारी कर दिया, जो एक नवंबर 2014 से प्रभावी हुआ।
इसके मुताबिक गैस मूल्य बढ़ाकर 5.61 डॉलर प्रति यूनिट कर दिया गया। यह मूल्य हालांकि अधिक गहरे समुद्र की खोज या कठिन संचालन के लिए लागू नहीं थी। इस मुद्दे पर फैसला लंबित है।
गैस मूल्य के अलावे याचिकाकर्ता दासगुप्ता और कॉमन काउज ने उन गैस फील्ड को रद्द किए जाने की मांग की है, जिनका विकास नहीं किया गया है।
याचिकाकर्ताओं ने आरआईएल और निको रिसोर्सेज ब्लॉक से संबंधित दिए गए ठेके रद्द करने की भी मांग की है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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