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प्रादेशिक

पटना ब्लास्ट : संदिग्धों की तस्वीर जारी, छापेमारी शुरू

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पटना। बिहार की राजधानी पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र के एक फ्लैट में सोमवार रात हुए बम विस्फोट मामले में पटना पुलिस के साथ-साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और खुफिया विभाग (आईबी) ने भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने तीन संदिग्धों की तस्वीर जारी की है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू हो चुकी है। पुलिस के अनुसार, विस्फोट के बाद घटनास्थल से संदिग्धों की तस्वीरों के अतिरिक्त कंप्यूटर, डायरी और अन्य दस्तावेज भी बरामद किए गए थे। अगमकुआं थाने में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

अपर पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने बुधवार को बताया कि तीनों संदिग्ध युवकों कुंदन, हेमंत और अशोक की तलाश की जा रही है। तीनों नालंदा के निवासी हैं। पुलिस ने इन सभी की तस्वीरें जारी की हैं। पुलिस को जानकारी मिली थी कि ये तीनों फ्लैट में रहते थे। पांडेय बताया कि विस्फोट बहुत शक्तिशाली नहीं था। शुरुआती जांच से पता चला है कि बम कम तीव्रता वाला था। तीनों संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि इन बमों को किस काम में प्रयोग किया जाना था।

संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए नालंदा में लगातार छापेमारी की जा रही है। एक नक्सली संगठन के स्वंभू प्रवक्ता ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी ली है, लेकिन पुलिस का कहना है कि आखिर नक्सली संगठन को पटना में आकर बम बनाने की क्यों आवश्यकता पड़ेगी? घटनास्थल से दो जिन्दा बम बरामद हुए हैं। इन बमों में लोटस कंपनी का एक टाइमर उपकरण लगा था।

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा में बीते वर्ष हुए विस्फोट के दौरान भी ऐसे ही बमों का प्रयोग किया गया था। पटना में 14 अप्रैल को गांधी मैदान में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली आयोजित होने वाली है। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र राणा ने बताया कि पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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