बिजनेस
एसबीआई से आवास ऋण अब 10 दिनों में
कोलकाता| देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने ग्राहक सुविधाओं में सुधार की दिशा में आवास ऋण मुहैया कराने की मौजूदा अवधि 17 दिन से घटाकर 10 दिन करने की योजना बना रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां शुक्रवार को यह जानकारी दी। एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक प्रशांत कुमार ने कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन (क्रेडाई) द्वारा आयोजित एक हाउसिंग एक्सपो से अलग मीडियकर्मियों से कहा, “हम आगामी छह महीनों के भीतर ऋण जारी करने की समय सीमा घटा कर 10 दिन करने जा रहे हैं। फिलहाल यह अवधि 17 दिन है, जबकि पिछले साल यह अवधि 31 दिनों की थी।”
उन्होंने कहा, “हम आवासीय परियोजनाओं का पूर्व अनुमोदन भी कर रहे हैं, जिससे ऋण लेने की प्रक्रिया के दौरान कानूनी सत्यापन में लगने वाले समय में भी कटौती होगी।” प्रशांत कुमार ने कहा कि एसबीआई आवासीय परियोजनाओं के वित्तपोषण पर भी विचार कर रही है। एसबीआई ने 31 मार्च, 2015 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए 50,000 करोड़ रुपये के आवासीय ऋण जारी किए हैं, जिसमें से 2,100 करोड़ रुपये का ऋण सिर्फ बंगाल में जारी हुआ है। प्रशांत कुमार ने कहा कि बैंक इस साल देशभर में 10-15 प्रतिशत ऋण वृद्धि करना चाहता है। पिछले साल आवासीय ऋण की अस्वीकृति दर एक प्रतिशत से भी कम थी। प्रशांत कुमार ने कहा कि आवासीय ऋणों का कुल मूल्य 20 लाख रुपये है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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