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बिजनेस

कोल इंडिया उत्पादन लक्ष्य से 3 फीसदी पीछे

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कोलकाता| महारत्न कंपनी कोल इंडिया 2014-15 में उत्पादन लक्ष्य से तीन फीसदी पिछड़ गई। कंपनी ने इस दौरान 49.423 करोड़ टन उत्पादन किया। बंबई स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल नियमित सूचना में कंपनी ने कहा कि उसका उत्पादन यद्यपि 6.9 फीसदी बढ़ा है और उसकी आठ सहायक कंपनियों का उत्पादन औसत 8.45 फीसदी बढ़ा है, लेकिन उसकी पांच सहायक कंपनियां और खुद कोल इंडिया उत्पादन लक्ष्य से पीछे रह गई। गत कारोबारी साल के लिए कंपनी का उत्पादन लक्ष्य 50.7 करोड़ टन था।

कोल इंडिया की सबसे बड़ी सहायक कंपनी, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड का उत्पादन आलोच्य अवधि में लक्ष्य से 27.2 लाख टन कम रहा, जबकि दूसरी सबसे बड़ी सहायक कंपनी महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड का उत्पादन लक्ष्य 96 फीसदी रहा। कोयले का उठाव भी कोल इंडिया और सात सहायक कंपनियों के लिए लक्ष्य से कम रहा। ग्राहकों को कोयले की कुल आपूर्ति 48.934 करोड़ टन रही, जो कि 52 करोड़ टन के लक्ष्य से छह फीसदी कम है। मार्च 2015 में कंपनी का उत्पादन 5.727 करोड़ टन रहा, जबकि लक्ष्य 5.687 करोड़ टन था। कोयले का उठाव हालांकि लक्ष्य से पांच फीसदी कम रहा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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