प्रादेशिक
महाराष्ट्र में हल्के वाहनों को टोल से राहत
मुंबई | महाराष्ट्र सरकार ने हल्के वाहनों और राज्य परिवहन की बसों को राज्य के 53 टोल नाकों पर छूट देने का फैसला किया है। राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को यह घोषणा की। फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि इसके अलावा राज्य में 12 टोल नाकों को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा। उनके इस ऐलान पर विधानसभा के सदस्यों ने मेज बजाकर अपनी खुशी जाहिर की।
यह महत्वपूर्ण निर्णय हालांकि मुंबई के पांच प्रवेश और निकास द्वार, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और कोल्हापुर के टोल नाकों पर लागू नहीं होगा। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से राज्य में सबसे अधिक कमाई होती है। लोक निर्माण विभाग मंत्री एकनाथ शिंदे ने संवाददाताओं से कहा कि इस फैसले से सरकार पर प्रतिवर्ष लगभग 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। इसकी प्रतिपूर्ति महाराष्ट्र सड़क विकास निगम और महाराष्ट्र लोक निर्माण विभाग को की जाएगी।
जहां तक मुंबई के प्रवेश और निकास स्थलों के अलावा मुबंई-पुणे एक्सप्रेसवे का सवाल है, उन्होंने कहा कि 90 फीसदी उपयोगकर्ता छोटे वाहनों वाले हैं इसीलिए इसका आकलन अलग से करने की जरूरत है। इसके संबंध में लिए गए फैसले की घोषणा 31 जुलाई तक की जाएगी। आधिकारिक अनुमानों के मुताबिक दहिसर, ठाणे, मुलुंड, एरोली और वाशी में स्थित प्रवेश और निकास स्थान से सरकार को हर साल 4,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है।
कोल्हापुर टोल नाके के संबंध में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली एक समिति अध्ययन करेगी और 31 मई तक अपनी रपट और सिफारिशें सौंपेगी। राज्य सरकार एक जून से नई टोल नीति लागू करने की तैयारी में है। शिंदे ने इस कदम को भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन की सरकार के चुनावी वादे की पूर्ति बताया।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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