अन्तर्राष्ट्रीय
कोरोना को मारने का अमेरिका ने ढूंढ लिया तरीका, प्रयोग में तुरंत खत्म हुआ वायरस!
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने इस समय पूरी दुनिया के नाक में दम कर रखा है। इस खतरनाक वायरस ने अबतक 1 लाख 61 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 23 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं।
दुनिया को कोई ऐसा देश नहीं है जो कोरोना से प्रभावित न हो। ऐसे में हर देश के वैज्ञानिक कोरोना की दवा खोजने में दिन रात लगे हुए हैं। दवा न होने की वजह से फिलहाल सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउनक का सहारा लिया जा रहा है।
इस दौरान इस नए वायरस को खत्म करने के लिए तरह-तरह के प्रयोग भी किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक प्रयोग अमेरिकी सरकार के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने भी किया है। विभाग के इस प्रयोग से धूप में कोरोना बहुत जल्द ही खत्म हो गया। हालांकि, प्रयोग का ये शुरुआती परिणाम है। विभाग ने कहा है कि प्रयोग के अंतिम नतीजे आने बाकी हैं।
याहू न्यूज ने प्रयोग से जुड़े कुछ विवरण हासिल किए हैं जिससे ये बात सामने आई है। इससे पहले भी साइंटिस्ट ये मानते रहे हैं कि अधिक तापमान में कोरोना वायरस का प्रभाव कम हो सकता है या फिर खत्म हो सकता है। हालांकि, आधिकारिक रूप से अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
अमेरिकी सरकार के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के प्रयोग में ये देखा गया कि उच्च तापमान और अधिक ह्यूमिडिटी में कोरोना वायरस अधिक देर तक नहीं टिकता।
प्रयोग के विवरण में जिक्र किया गया है- ‘दिन की रोशनी में बाहरी वस्तुओं की सतह से कोरोना संक्रमण का खतरा कम पाया गया,’ वहीं ‘धूप में वायरस जल्दी ही खत्म हो गया।’
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के एक प्रवक्ता ने डेली मेल से कहा कि विभाग कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काम कर रहा है। हालांकि, विभाग की नीति की वजह वे लीक हुए डॉक्युमेंट के संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।
वहीं, कुछ ही दिन पहले फ्रांस के Aix-Marseille यूनिवर्सिटी में किए गए एक प्रयोग में पाया गया था कि 60 डिग्री सेल्सियस तापमान में वायरस का प्रभाव कुछ कम जरूर होता है, लेकिन अधिक तापमान में भी वे संक्रमण फैलाने में सक्षम रहते हैं।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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