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प्रादेशिक

खाद्य सुरक्षा कानून जल्द लागू करे उप्र सरकार : रामविलास

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लखनऊ | केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि कई राज्यों में खाद्य सुरक्षा कानून लागू हो चुका है, लेकिन कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां यह व्यवस्था लागू नहीं हुई है, जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है। पासवान ने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि वह जल्द से जल्द इस कानून को लागू करे, ताकि इसका लाभ जनता को मिल सके। केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को राजधानी में पत्रकारों से वार्ता के दौरान ये बातें कहीं। केंद्रीय मंत्री पासवान ने बताया कि देश में खाद्य सुरक्षा कानून को लागू हुए एक साल हो गया है। इस कानून के तहत दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “इस कानून के तहत औसतन 75 प्रतिशत ग्रामीण और 50 प्रतिशत शहरी आबादी गेहूं व चावल का लाभ उठा रही है। यह कानून राजस्थान सहित पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, दिल्ली, मध्यप्रदेश आदि में लागू हो चुका है तथा शेष राज्यों में शीघ्र लागू होने की संभावना है।” पासवान ने कहा है कि जहां भी ओलावृष्टि से गेहूं की चमक में कमी हुई है, उसके लिए निर्धारित मापदंडों से आधिकाधिक छूट देने पर विचार किया जाएगा। छूट का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अनियमित वर्षा के कारण गेहूं की फसल की क्षति को देखते हुए गेहूं के मानक में सिकुड़े हुए दानों की अनुमन्य सीमा शिथिल करके छह प्रतिशत से 10 प्रतिशत करने का आग्रह किया था, जिसे खाद्य मंत्रालय ने मान लिया है। सैंपलिंग व विश्लेषण कर रिपोर्ट अनुशंसा के साथ भेज दी गई है। मानक में अवश्यकता के अनुसार शिथिलता प्रदान कर दी गई है।

जनता परिवार के विलय पर चुटकी लेते हुए पासवान ने कहा कि जनता परिवार बिहार में सिर्फ विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसीलिए इसका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा, “पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव होंगे, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष भी वही होंगे, लेकिन पार्टी का नाम, झंडा और चुनाव चिह्न् का पता नहीं है।” पासवान ने कहा कि जब इन लोगों के भीतर कोई मतभेद ही नहीं था तो फिर पार्टी का नाम सहित अन्य मुद्दे भी हल क्यों नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि सही बात यह है कि ये सभी लोग अभी भी दिल से नहीं मिले हुए हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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