मुख्य समाचार
कबीर शांति मिशन का रजत जयंती समारोह संपन्न
लखनऊ। कबीर शांति मिशन द्वारा अपना 25वां स्थापना दिवस सिटी माण्टेसरी स्कूल, विशाल खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ के सभागृह में मनाया गया। इस मिशन की स्थापना अप्रैल 1990 में समाज में स्वस्थ चिंतन का प्रोत्साहन करने हेतु हुई थी। यह मिशन का ‘रजत जयंती’ समारोह था। वर्तमान में मिशन के भारत में 36 केन्द्र व दो केन्द्र विदेश में हैं, लगभग 2600 आजीवन सदस्य व हजारों मित्र इससे जुड़े हैं। मिशन द्वारा समान विचारधारा की अनेक संस्थाओं के साथ मिलकर भी कार्य किया जाता है।
रजत जयंती समारोह दो सत्रों में आयोजित किया गया। पहले सत्र के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल माननीय राम नाईक थे। भारत सरकार के पूर्व केबिनेट सचिव प्रभात कुमार एवं लखनऊ के महापौर डा0 दिनेश शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर जगदीश गांधी, कृष्ण बिहारी अग्रवाल, अध्यक्ष कबीर शांति मिशन एवं न्यायमूर्ति एस.सी. वर्मा, अध्यक्ष लखनऊ केन्द्र भी उपस्थित थे।
इस सत्र में स्वागत सम्बोधन के उपरान्त मिशन के संस्थापक एवं मुख्य संयोजक राकेश कुमार मित्तल ने मिशन के 25वें वर्ष की गतिविधियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत की और इसकी उपलब्धियों पर गहरा संतोष व्यक्त किया। प्रभात कुमार एवं डा. दिनेश शर्मा ने समाज में मूल्यों का विकास करने में मिशन की सराहना की। दोनों का ही मत था कि मूल्य जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आवश्यक हैं और यह तभी संभव है जब लोगों की सोच सकारात्मक हो।
मुख्य अतिथि राज्यपाल राम नाइक ने मिशन के कार्यों की सराहना करते हुए इस तरह की अधिक संस्थाओं की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पिछले 25 वर्षों तक अपना अस्तित्व बनाये रखने एवं तीव्र गति से उन्नति करने हेतु मिशन की प्रशंसा की और कहा कि यह अच्छे उद्देश्यों एवं स्वार्थहीन कार्य से ही संभव है।
इस सत्र में मिशन ने अपने सदस्यों की नई निदेशिका, अपनी त्रैमासिक पत्रिका ‘कबीर ज्योति’ के विशेषांक एवं हिन्दी की तीन पुस्तकों क्रमशः ‘श्रेष्ठ प्रशासन’, ‘स्वस्थ आज’ एवं ‘एक दीप जलाओ’ का लोकार्पण भी किया। मिशन ने अपने कुछ वरिष्ठ सदस्यों को उनके द्वारा समाज की निःस्वार्थ सेवा हेतु ‘कबीर दीप’ सम्मान से अलंकृत किया। इनके नाम हैं: डा. कल्बे सादिक, डा. जगदीश गांधी, कृष्ण कुमार, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार त्रिवेदी, डा. सीता रानी अग्रवाल, योगेश प्रवीन, डा. शिवसरन लाल श्रीवास्तव, डा. बी.पी. माथुर, डा. रमेश चन्द्र श्रीवास्तव एवं आनन्द शंकर गुप्ता। डा. अम्मार रिज़वी एवं राम पिपरइया इस अवसर पर सम्मान प्राप्ति हेतु उपस्थित नहीं हो पाये।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में ‘स्वस्थ चिंतन एवं प्रसन्नता’ विषय पर एक चर्चा का आयोजन किया गया। इस सत्र के मुख्य अतिथि विधान सभा उ0प्र0 के अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डे थे जो स्वंय कबीर शांति मिशन के आजीवन सदस्य हैं। दूसरे सत्र की चर्चा के मुख्य वक्ता पूर्व उप महालेखा नियंत्रक, भारत सरकार बी.पी. माथुर थे जिन्होंने प्रशासन में मूल्यों पर कई पुस्तकें लिखी हैं।
अन्य वक्ताओं में उप्र के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन.के. मेहरोत्रा , सेवानिवृत आई.ए.एस. जयशंकर मिश्रा एवं गिरी संस्थान की प्रोफेसर डा0 कीर्ति नारायण थीं। सभी वक्ताओं ने यह कहा कि प्रसन्नता ही प्रत्येक के जीवन का लक्ष्य है और यह तभी संभव है जब हमारी विचारधारा सकारात्मक हो। इसे कैसे विकसित करें, यह एक चुनौती अवश्य है किन्तु चिंतन स्वस्थ होने पर संभव है। उन्होनें इस संबंध में अपने-अपने अनुभवों का उल्लेख भी किया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन सुश्री शिखा द्वारा किया गया जिन्होंने अंत में कबीर शांति मिशन के आजीवन सदस्य के रूप में धन्यवाद ज्ञापन भी किया। कार्यक्रम में विभिन्न स्थानों से आये, मिशन के सदस्य एवं मित्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
मुख्य समाचार
‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।
समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।
बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति
चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।
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