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उत्तर प्रदेश

यूपी: अलाव बन रहा जरूरतमंदों का सहारा, सभी 75 जनपदों में जल रहे अलाव  

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bonfires are burning in all 75 districts

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लखनऊ। 2023 में 10 दिन के भीतर योगी सरकार ने सूबे के 3818 अन्य सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था कराई है यानी 75 जिलों में अब 16412 स्थानों पर अलाव जलाए जा रहे हैं। पहली जनवरी तक यह व्यवस्था 12594  सार्वजनिक स्थानों पर थी। महज 10 दिन में 38 सौ से अधिक सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जरूरतमंदों/निराश्रितों के प्रति सरकार की चिंता को जाहिर करता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रैनबसेरों में उपयुक्त व्यवस्था व साफ-सफाई रखने के निर्देश भी दिए हैं। सीएम ने गोरखपुर व वाराणसी में खुद औचक निरीक्षण कर इस व्यवस्था को जांचा-परखा और वहां मौजूद लोगों से वास्तुस्थिति की जानकारी भी ली।

1228 रैन बसेरों में आसरा ले रहे 29285  निराश्रित

सरकार की ओर से सूबे में 1228 रैन बसेरे बनाए गए हैं। इनमें 29285 निराश्रितों (रेहड़ी, खोमचे, ठेला, रिक्शा समेत अन्य जरूरतमंदों) की व्यवस्था की गई है। ठंड को देखते हुए योगी सरकार की ओऱ से वृद्धि करते हुए लखनऊ में 56, प्रयागराज में 50, बरेली में 36, कानपुर नगर में 35, मेरठ में 34, झांसी में 31,

गाजियाबाद में 28, मथुरा-वाराणसी में 27-27, आगरा में 25 रैन बसेरों की व्यवस्था की गई है। लखनऊ के रैन बसेरों में 2024, प्रयागराज में 1228, कानपुर नगर में 1029, अलीगढ़ में 954,  वाराणसी में 916, गाजियाबाद में 898, कासगंज में 840 लोगों के रहने-सोने का इंतजाम किया गया है।

अलाव बन रहा जरूरतमंदों का सहारा

इन दिनों गलन भरी ठंड से दिक्कत काफी बढ़ गई है। पूरे दिन कई जनपदों में सूर्य देवता के दर्शन नहीं हो रहे हैं। कोहरे के कारण भी परेशानी उठानी पड़ रही है। मेहनत-मजदूरी करने वालों को काफी परेशानी हो रही है। ऐसे में योगी सरकार के निर्देश पर सार्वजनिक स्थानों पर शासन-प्रशासन की ओर से अलाव की व्यवस्था की गई है।

बीती रात लखनऊ रेलवे स्टेशन पर भी काफी लोग साथ बैठकर अलाव तापकर ठंड से बचते दिखे। बेजुबान जानवरों के लिए भी यह अलाव जीवन रक्षक का काम कर रहे थे। यह नजारा सिर्फ लखनऊ नहीं, बल्कि प्रदेश के हर जनपदों में देखने को मिल रहे हैं।

कई जिलों में 200 से अधिक सार्वजनिक स्थलों पर जलाए जा रहे अलाव

ठंड को देखते हुए कई जनपदों में 200 से अधिक सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था की गई है। इनमें अलीगढ़ में 557, अंबेडकर नगर में 205, अयोध्या में 256, बहराइच में 237, बलिया में 228,

बाराबंकी में 265,  बिजनौर में 453, गाजीपुर में 252, हरदोई में 370, जौनपुर में 246, कानपुर देहात में 202, कानपुर नगर में 342, कासगंज में 202, कौशांबी में 266, कुशीनगर में 257, लखीमपुर खीरी में 423, लखनऊ में 1527, महराजगंज में 334,  मऊ में 401, मेरठ में 345, मिर्जापुर में 297, मुरादाबाद में 330,

प्रतापगढ़ में 229, प्रयागराज में 827, रायबरेली में 202, सहारनपुर में 362, संभल में 225, शाहजहांपुर में 293, सिद्धार्थनगर में 294, सीतापुर में 233, उन्नाव में 411 व वाराणसी में 315 सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाए जा रहे हैं।

इन जिलों में भी सार्वजनिक स्थलों पर की गई व्यवस्था

आगरा में 92, अमेठी में 105, अमरोहा में 144, औरैया में 155, आजमगढ़ में 150, बदायूं में 53, बागपत में 75, बलरामपुर में 152, बांदा में 116, बरेली में 134, बस्ती में 74, बुलंदशहर में 196, चंदौली में 73, चित्रकूट में 63,

देवरिया में 95, एटा में 58, इटावा में 116, फर्रुखाबाद में 166, फतेहपुर में 149, फिरोजाबाद में 127, नोएडा में 184, गाजियाबाद में 158,  गोंडा में 183, गोरखपुर में 85, हमीरपुर में 46, हापुड़ में 79, हाथरस में 96, जालौन में 126,

झांसी में 35, कन्नौज में 145,  ललितपुर में 89, महोबा में 108, मैनपुरी में 154, मथुरा में 97, मुजफ्फरनगर में 145, पीलीभीत में 141, रामपुर में 190, संतकबीर नगर में 124, संत रविदास नगर में 154, शामली में 87, श्रावस्ती में 71, सोनभद्र में 144, सुल्तानपुर में 92स्थानों पर अलाव जलाए जा रहे हैं।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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