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बिजनेस

पीएफडीसी-बुलेवार्ड भारत में कारोबार विस्तार करेंगे

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लाहौर | पाकिस्तान फैशन डिजाइन काउंसिल (पीएफडीसी) की अध्यक्ष सहीर सैगल का कहना है कि पीएफडीसी-द बुलेवार्ड फ्रेंचाइजी भारत में ऑनलाइन माध्यम से अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना में है। पीएफडीसी वर्तमान में लाहौर में सनसिल्क फैशन वीक के आठवें संस्करण का आयोजन कर रही है। भारत में कारोबार विस्तार की योजना पर सहीर ने कहा, “हम कारोबार विस्तार के लिए साझेदार और फ्रेंचाइजी चाहते हैं। मुझे लगता है कि जब तक हमारे देश में कारोबार शुरू नहीं होता। यह मुश्किल है। कुछ कारक कर संरचनाओं से संबंधित हैं और हम संग्रहों को सीधे स्टोर पर नहीं भेज सकते। हमें दुबई के जरिए इन्हें भेजना होगा।” काउंसिल ने लाहौर में स्टोर खोलने के बाद अपने पीएफडीसी-द बुलेवार्ड फ्रेंचाइजी का विस्तार भारत में किया, जहां पीएफडीसी से जुड़े डिजाइनर ही नहीं, बल्कि ‘रिजवान बेग’, ‘सना सफीनाज’ और ‘आयशा हाशवानी’ जैसे डिजाइनरों के परिधान संग्रह भी पेश हैं।

भारत में सिर्फ एक ‘पीएफडीसी-द बुलेवार्ड’ शोरूम नई दिल्ली में है। इसे 2012 में खोला गया था, जिसके जरिए स्थानीय डिजाइनर भारतीय फैशनपरस्तों के लिए पाकिस्तानी सौंदर्यपरक परिधानों को उपलब्ध करा सकते हैं। सैगल का कहना है, “वे ऑनलाइन माध्यम से भारतीयों तक पहुंच बनाने की योजना बना रहे हैं। चंडीगढ़ के एक शख्स हमारे सामानों को ऑनलाइन बेचना चाहते हैं।” उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि पाकिस्तान में महिला को किस तरह दिखना चाहिए, इस पर अधिक ध्यान दिया जाता है। पाकिस्तानी महिलाओं में आकर्षण स्वत: ही आ जाता है। मैं स्वयं भारत से हूं, लेकिन शादी के बाद पाकिस्तान आ गई।”

उन्होंने आगे कहा, “मुझे ऐसा लगता है कि भारत में मानसिकता परंपरागत रूप से अलग है। भारत साड़ी पहनने वाला देश है। इसलिए भारतीयों को पता है कि ब्लाउज की माप और फिटिंग क्या है, लेकिन हमें साड़ी के ब्लाउज बनाने नहीं आते। हमारा सूट सलवार पहनने वाला देश है। भारतीयों को नहीं पता कि सलवार को किस तरह बनाया जाता है।” फिलहाल, पाकिस्तान के इस्लामाबाद में हर जगह फैशन छाया हुआ है। पीएसएफडब्लू 2015 का चार दिवसीय आयोजन 18 अप्रैल से शुरू हुआ था और यह 21 अप्रैल को समाप्त होगा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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