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अन्तर्राष्ट्रीय

‘भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमता बढ़ाए अमेरिका’

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वाशिंगटन | भारत के लिए अगली पीढ़ी का विमान वाहक पोत संयुक्त रूप से विकसित करने की संभावना तलाशने पर दोनों देशों के बीच सहमति बनने के बाद अमेरिका के एक प्रमुख थिंक टैंक ने सुझाव दिया है कि अमेरिका को चाहिए कि वह भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमता बढ़ाने में मदद करने के लिए भारत को नई प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराए। कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में एक वरिष्ठ सहयोगी एशली जे.टेलिस ने सुझाया है, “भारतीय नौसेना ने हालांकि डिजाइन का काम पहले ही शुरू कर दिया है, लेकिन इसमें अमेरिका के साथ व्यापक स्तर पर सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।”

उन्होंने एक नई रपट में लिखा है, “इस तरह के सहयोग से भारतीय नौसेना की लड़ाकू शक्ति बढ़ेगी और इससे पूरे एशिया महाद्वीप में भारत के रणनीतिक लाभ अनुगूंजित होगा।” टेलिस के मुताबिक, “अमेरिका अपना सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान युद्ध क्षेत्र में दे सकता है।” उन्होंने सुझाव दिया कि अमेरिका विद्युतचुंबकीय विमान प्रक्षेपण प्रणाली (ईएमएएलएस) के साथ भारतीय जहाज को सशक्त करने की संभावनाओं का पता लगा सकता है। अमेरिका को चाहिए कि वह भारत को विभिन्न उन्नत उड्डयन प्रणालियां उपलब्ध कराए, जैसे कि वायुजनित पूर्व चेतावनी व युद्ध प्रबंधन के लिए अमेरिकी नौसेना का ई-2सी/डी हाकेय और पांचवी पीढ़ी का एफ-35सी लाइटनिंग हमलावर विमान।

भारतीय मूल के अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा है कि इससे भारतीय नौसेना को अपने विरोधियों की वायुसेना से मुकाबला करने में लाभ मिलेगा। टेलिस ने सुझाया कि अमेरिका को चाहिए कि वह भारत के अगली पीढ़ी के विमान वाहक पोत के लिए ईएमएएलएस प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को एक व्यवहार्य विकल्प बनाने के लिए परमाणु प्रणोदन प्रौद्योगिकी पर चर्चा की अनुमति देने के लिए मौजूदा अमेरिकी नीति में बदलाव करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को चाहिए कि वह भारतीय नौसेना और अमेरिकी नवल सी सिस्टम कमांड के बीच साझेदारी का भी समर्थन करे।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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