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प्रादेशिक

मध्य प्रदेश में शिक्षक बिना 5 हजार स्कूल!

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संदीप पौराणिक

भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार हर बच्चे को शिक्षा मुहैया करा रही है! दावा तो यही है, मगर दावे हकीकत से बहुत दूर नजर आते हैं, क्योंकि पांच हजार 295 सरकारी विद्यालय ऐसे हैं, जहां कोई शिक्षक नहीं है। ‘सुशासन’ वाले राज्य में कुल 95 हजार 878 शिक्षकों की कमी है। काश! एक साथ इतने गुरु मिल जाएं तो होनहार नौनिहाल नाम कमाएं।

बच्चों के लिए काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ द्वारा होशंगाबाद जिले के पचमढ़ी में ‘सोशल मीडिया और शिक्षा’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में जो तथ्य सामने आए हैं, वे राज्य की शिक्षा व्यवस्था का खुलासा करने के लिए पर्याप्त हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि राज्य में कुल एक लाख 14 हजार 444 सरकारी विद्यालय हैं, इनमें प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। इन विद्यालयों में छह से 13 वर्ष की आयु के कुल एक करोड़ 35 लाख 66 हजार 965 बच्चे पढ़ते हैं। सितंबर 2014 में आई यू-डाइस (एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली) के आंकड़े बताते हैं कि राज्य के 5,295 विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें शिक्षक ही नहीं है।

राज्य में शिक्षा का अधिकार लागू होने के पांच साल बाद की शालाओं की बदहाली की कहानी यहीं नहीं रुकती। एक तरफ जहां शिक्षक विहीन विद्यालय हैं, वहीं 17 हजार 972 विद्यालय ऐसे हैं जो एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। 65 हजार 946 विद्यालयों में तो महिला शिक्षक ही नहीं है। यू डाइस की रिपोर्ट बताती है कि छात्रों को पढ़ाने के लिए आरटीई के तहत तय किए गए दिशा निर्देशों का भी ठीक तरह से पालन नहीं हो रहा है। हाल यह है कि सरकारी विद्यालयों में औसतन 33 छात्रों पर एक शिक्षक है। 24 हजार से ज्यादा विद्यालय ऐसे हैं, जहां एक शिक्षक 50 से ज्यादा विद्यार्थियों को पढ़ा रहा है। वहीं 19 हजार से ज्यादा स्कूलों में एक कक्षा में 50 से ज्यादा विद्यार्थियों को बैठना पड़ता है।

आरटीई के नियमों की रोशनी में देखें तो राज्य में विद्यालय के अनुपात में कुल 95 हजार 878 शिक्षकों की कमी है, इनमें 46 हजार 973 शिक्षक प्राथमिक शालाओं और उच्च प्राथमिक शालाओं में 48 हजार 905 शिक्षक कम हैं। इस मौके पर यूनिसेफ के मध्य प्रदेश प्रमुख ट्रेवोर क्लार्क ने माना कि राज्य में शिक्षा में सुधार की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि आरटीई लागू होने के बाद राज्य के हालात कुछ सुधरे हैं, मगर चुनौतियां अभी बहुत है। अब शिक्षा के अधिकार के साथ सीखने के अधिकार की बात होनी चाहिए। बच्चों के शिक्षित होने से बच्चे ही नहीं, राज्य के विकास में भी अंतर आएगा।

उन्होंने इस मौके पर माना कि सोशल मीडिया शिक्षा और उसके स्तर के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है, और इसके लिए जागरूक लोगों को आगे आना होगा। कार्यशाला में यूनिसेफ के शिक्षा विशेषज्ञ एफ .ए. जमी ने सरकार और यूनिसेफ की ओर से शिक्षा के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा की। यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने राज्य में सोशल मीडिया द्वारा शिक्षा के प्रति जागृति लाने के लिए चल रहे प्रयासों को वर्तमान समय की जरूरत बताया। साथ ही कहा कि इस सिलसिले को आगे बढ़ाना होगा, समाज के हर वर्ग को इससे जोड़ना होगा। शिक्षा से जुड़ी बात उस हर व्यक्ति तक पहुंचानी होगी, जो मोबाइल का इस्तेमाल करता है।

उत्तर प्रदेश

जल्द से जल्द करें जनता की समस्याओं का समाधान : मुख्यमंत्री

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गोरखपुर। गोरखपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी लोगों से मुलाकात और उनकी समस्या के समाधान का सिलसिला जारी रखा। मुख्यमंत्री ने जनता दर्शन में लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी पीड़ित व्यक्ति की समस्या के समाधान में देरी नही होनी चाहिए। अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे जल्द से जल्द जनता की समस्याओं का समाधान करें।

सोमवार को सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में आयोजित जनता दर्शन में करीब 200 लोगों से मुलाकात की। कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक खुद जाकर उनकी समस्याएं सुनीं और उनके प्रार्थना पत्र लेकर संबंधित अधिकारियों को संदर्भित किया। सीएम योगी ने सभी को आश्वस्त किया कि किसी को भी परेशान होने या चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हर समस्या का निस्तारण अवश्य कराया जाएगा। इसे लेकर उन्होंने प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों को मौके पर ही दो टूक समझाया कि जनता की समस्याओं का समयबद्ध, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। कुछ प्रकरणों पर उन्होंने अफसरों को निर्देशित किया कि यह भी पता लगाएं कि यदि किसी को प्रशासन का सहयोग नहीं मिला है तो ऐसा क्यों और किन कारणों से हुआ। हर पीड़ित की त्वरित मदद की जाए। उन्होंने जमीन कब्जाने की शिकायतों पर विधि सम्मत कठोर कदम उठाने का निर्देश दिया। साथ ही पारिवारिक विवादों का निस्तारण आपसी सामंजस्य के आधार पर करने का प्रयास करने को कहा।

हर बार की तरह इस बार भी जनता दर्शन में कई लोग इलाज में आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे थे। इस पर सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा कि जल्द से जल्द अस्पताल के इस्टीमेट की प्रक्रिया पूर्ण कराकर शासन को उपलब्ध करा दें। इलाज के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पर्याप्त मदद की जाएगी। जनता दर्शन में कुछ महिलाएं बच्चों के साथ पहुंची थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को खूब प्यार-दुलार किया। उन्हें चॉकलेट गिफ्ट करते हुए आशीर्वाद दिया।

मंदिर की गोशाला में सीएम योगी ने की गोसेवा

सोमवार प्रातःकाल गोरखनाथ मंदिर में गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन करने और अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर मत्था टेकने के बाद मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर की गोशाला में पहुंचे। यहां उन्होंने गोसेवा करते हुए गोवंश को अपने हाथों से गुड़ खिलाया। सीएम योगी ने गोशाला के कार्यकर्ताओं से सभी गोवंश के स्वास्थ्य व पोषण की जानकारी ली और देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए।

* बच्चों पर लुटाया प्यार*

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर में भ्रमण के दौरान परिजनों के साथ आए बच्चों को अपने पास बुलाकर उन्हें प्यार-दुलार दिया। बच्चों से बेहद आत्मीय तरीके से संवाद करने के साथ सीएम ने उनसे ठिठोली भी की। सबके माथे पर हाथ फेरकर आशीर्वाद दिया और हमेशा की तरह उन्होंने बच्चों को चॉकलेट गिफ्ट किया।

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