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उत्तर प्रदेश

लखनऊ के विकास का श्रेय योगी आदित्यनाथ कोः राजनाथ सिंह

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लखनऊ| रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में जो कुछ भी हुआ है, वह योगी जी के सहयोग से हो रहा है। उनके सहयोग के बिना यह कार्य संभव नहीं हो पाते। यहां के विकास का श्रेय योगी आदित्यनाथ को है। यह हमारा करिश्मा नहीं है, बल्कि सांसद के कारण मैंने सहयोगी की भूमिका निभाई है। यहां के जनप्रतिनिधि जो कहते गए, वो होता गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ अभी मंच पर भी पूछ रहे थे कि यदि कोई और काम छूटा हो तो बताइए। सीएम योगी को बधाई देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि लखनऊ तेजी से समृद्धि के पथ पर अग्रसर है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व रक्षा मंत्री/लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 3666 करोड़ की 206 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।

रक्षा मंत्री ने गिनाए शिलान्यास कार्य

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिलान्यास कार्य गिनाए। बताया कि अवध चौराहे पर अंडरपास, गोसाईगंज-बनी-मोहन मार्ग पर अनूपगंज में रेलवे क्रॉसिंग संख्या-188 स्पेशल पर 4 लेन रेल उपरिगामी सेतु, किसान पथ से भटगांव डिफेंस नोड संपर्क मार्ग, पक्का पुल से डालीगंज व गोमती नदी के ब्रिज तक 2 लेन आरओबी कम फ्लाईओवर, हनुमान सेतु से समतामूलक चौराहे तक रोड कनेक्टिविटी के लिए निशातगंज बंधे का चौड़ीकरण, सरोजनीनगर में 100 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक, एसजीपीजीआई में 500 बेड का एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर (फेज-एक), ग्रीन कॉरिडोर के अंतर्गत निशातगंज में सेतु का शिलान्यास हो रहा है।

एक लाख वाहन प्रतिदिन बाहर ही बाहर निकल जाएंगे

आज लखनऊ नगर के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। लखनऊ नगर के चारों ओर 5500 करोड़ से 104 किमी. की आठ लेन की आउटर रिंग रोड का लोकार्पण किया जा रहा है। यह कॉरिडोर प्रारंभ होने जा रहा है। रक्षा मंत्री ने अपील की कि कानपुर हाईवे से हरदोई मार्ग तक केवल 15 दिन हल्की गाड़ियां ही चलें, भारी वाहन बिल्कुल भी नहीं। आउटर रिंग रोड चालू होने के बाद अनुमानतः एक लाख वाहन प्रतिदिन बाहर ही बाहर निकल जाएंगे। नगर वासियों को जाम से मुक्ति मिल जाएगी। यह आउटर रिंग रोड नगर निगम की वृहद आर्थिक उन्नति की गति को तेज करेगा। इसके किनारे कई योजनाएं प्रस्तावित हैं। लखनऊ-कानपुर हाईवे के अंतर्गत छह लेन की 66 किमी. लंबे एक्सप्रेसवे का तेजी से निर्माण हो रहा है। बनी तक कानपुर हाईवे को छह लेन चौड़ा किया जा चुका है। अगले वर्ष एक्सप्रेसवे निर्माण पूरा होने पर लखनऊ से कानपुर की दूरी 40-45 मिनट में पूरी होगी। इसी के साथ पर्यटकों के लिए होटल इंडस्ट्री व हॉस्पिटल इकाइयां होंगी।

साकार हुई कल्पना, यूपी की धरती पर बनेगी ब्रह्मोस मिसाइल

रक्षा मंत्री ने कहा कि उप्र के लोगों ने कल्पना नहीं की होगी कि ब्रह्मोस मिसाइल यूपी की धरती पर बनेगी। यह काम भी बहुत जल्द पूरा हो जाएगा। हमारा पड़ोसी मोहनलालगंज भी कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है। रक्षा मंत्री ने बताया कि विश्व स्तरीय एजेंसी नाइट फ्रैंक आर्थिक उन्नति की गतिविधियों का अध्ययन कर विभिन्न पहलुओं पर तिमाही रिपोर्ट प्रकाशित करती है। उस एजेंसी ने कहा कि ऐसे शहरों की सूची, जिनमें शहरी क्षेत्र की भूमि के मूल्यों में सर्वाधिक तेजी से वृद्धि हुई है, लखनऊ नगर विश्व में उच्चतम वृद्धि दर वाले दस शहरों में शामिल है। रक्षा मंत्री ने बताया कि 20 फ्लाईओवर स्वीकृत हैं। 12 बन चुके हैं, शेष भी बन जाएंगे। अप्रैल अंत तक मुंशी पुलिया व खुर्रमनगर में दो फ्लाईओवर पूरे हो जाएंगे। लखनऊ के कौशल महोत्सव में अभी कल ही लखनऊ व आसपास के 6300 लोगों को रोजगार मेले में नियुक्ति पत्र मिला है।

इस दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, भारत सरकार के मंत्री व मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, एके शर्मा, जितिन प्रसाद, महापौर सुषमा खर्कवाल, सांसद बृजलाल, अशोक वाजपेयी, सत्यदेव पचौरी आदि मौजूद रहे।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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