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राहुल ने शेयर किया मां के साथ एल्बम देखते हुए वीडियो, कहा- पापा, दादी ने रायबरेली में विकास के बहुत काम किए

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लखनऊ। लोकसभा चुनाव के तहत चार चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं। अब 20 मई को पांचवें चरण की वोटिंग होगी। इस बीच राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वो अपनी मां सोनिया गांधी के साथ एक एल्बम देख रहे हैं। इसमें दोनों नेता गांधी परिवार की अमेठी और रायबरेली से पुरानी यादों को लेकर बात कर रहे है।

राहुल गांधी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ”रायबरेली और अमेठी हमारे लिए सिर्फ चुनाव क्षेत्र नहीं, हमारी कर्मभूमि है, जिसका कोना-कोना पीढ़ियों की यादें संजोए हुए है। मां के साथ पुरानी तस्वीरें देखकर पापा और दादी की याद भी आ गई, जिनकी शुरू की गई सेवा की परंपरा मैंने और मां ने आगे बढ़ाई। प्रेम और विश्वास की बुनियाद पर खड़े 100 वर्षों से भी पुराने इस रिश्ते ने हमें सब कुछ दिया है। अमेठी और रायबरेली जब भी हमें पुकारेंगे, हम वहां मिलेंगे।”वीडियो में राहुल गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी से पूछा, “आप रायबरेली पहली बार कब गईं?” जिस पर उन्होंने बताया, “1981-82 में मेडिकल कैंप के लिए जाते थे। दिल्ली के कई बड़े डॉक्टर हमेशा मदद के लिए आते थे।”

आगे राहुल गांधी कहते हैं, “हमारे परिवार का अमेठी और रायबरेली से 100 साल का रिश्ता है।” उन्होंने बताया, “हमारे परदादा ने रायबरेली से राजनीति की शुरुआत की थी। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ रायबरेली से आंदोलन की शुरुआत की थी।”आगे सोनिया गांधी, राहुल को बताती हैं, “परदादा के निधन के बाद दादी (इंदिरा गांधी) ने रायबरेली से चुनाव लड़ा।” इसके बाद राहुल गांधी कहते हैं, “जब मैं अमेठी से सांसद था, रायबरेली से लोग आए थे। आईटीआई के लोग आए थे। जिसे उस वक्त की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार बंद करना चाहती थी।”उन्होंने बताया, “हमारे सामने नौकरी और भविष्य का सवाल है। हमने काफी कोशिश की और उसे बंद करने से बचाया। हम चाहते थे कि रायबरेली का टेक्नोलॉजी स्प्रिट और टेलीकॉम का कनेक्शन का रिश्ता न टूटे।”

सोनिया गांधी बताती हैं, “मैं लोगों से मिलने के लिए गांव-गांव में जाती थी, उनसे बातचीत करती थी। गांव में किसी की शादी या फिर देहांत हो जाता था। तो, उनके परिवार के लोगों से मिलने जाती थी। रायबरेली से मेरा बहू और बेटी जैसा रिश्ता रहा है।”

राहुल गांधी बताते हैं, “उनके पिता राजीव गांधी ने वहां पर बहुत विकास कार्य किए। दादी ने रायबरेली में इतना विकास किया कि अमेठी थोड़ा पीछे रह गया। इसके बाद पापा ने अमेठी में बहुत ज्यादा विकास के कार्य किए। फिर, लगने लगा कि अमेठी विकास कार्य के मामले में रायबरेली से आगे निकल गई। हमारी सरकार में मां सोनिया गांधी और मैंने अमेठी में बहुत विकास के कार्य किए। मेरी ज्यादा से ज्यादा कोशिश रही कि अमेठी में सड़कों का जाल बिछाएं ताकि अमेठी को देश से जोड़ सकें। मैं फूड पार्क के प्रोजेक्ट को लगाना चाहता था, जिससे अमेठी और रायबरेली का चेहरा ही बदल जाता। लेकिन, उस योजना को भाजपा वालों ने रोक दिया।”

राहुल गांधी ने कहा, “जो काम रायबरेली के लिए मां सोनिया गांधी और दादा ने किया, मैं उसको आगे लेकर जाऊं। रायबरेली के लोगों से परिवार, दोस्ती का रिश्ता है। जैसे मेरा मां और बहन के साथ रिश्ता है, वैसे ही रायबरेली के लोगों से है। रायबरेली में जो अरहर की दाल बनती है, वैसे शायद कहीं और नहीं बनती होगी। मेरे लिए अमेठी और रायबरेली एक जैसी है। अमेठी और रायबरेली में हमें सब कुछ दिया। जब भी जरूरत होगी, हम वहां मिलेंगे।”

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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