नेशनल
जम्मू-कश्मीर: कुलगाम में सुरक्षाबलों ने छह आतंकियों को किया ढेर, दो जवान शहीद
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरआर स्वैन ने रविवार को बताया कि कुलगाम जिले में दो मुठभेड़ों में छह आतंकवादियों को मार गिराना सुरक्षा बलों के लिए बड़ी उपलब्धि है। डीजीपी ने कहा, “दो अलग-अलग मुठभेड़ स्थलों पर छह आतंकवादियों को मार गिराया गया है। सुरक्षा बलों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।”
उन्होंने कहा, “लोग आतंकवाद को खत्म करने के लिए एकजुट हो रहे हैं और अभियान रफ्तार पकड़ रही है। मौजूदा अभियान अभी भी जारी है। हमें स्थानीय आतंकवादियों के शामिल होने की भी खबर मिली है।”
डीजीपी स्वैन ने कहा, “चल रहे ऑपरेशन आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर में समग्र सुरक्षा स्थिति को बढ़ाने के लिए एक ठोस प्रयास का संकेत देते हैं। स्थानीय आतंकवादियों की संलिप्तता क्षेत्र में सुरक्षा बलों के सामने आने वाली जटिल चुनौतियों को रेखांकित करती है।”
बता दें कि कुलगाम जिले के दो गांवों चिन्नीगाम और मुदरगाम में चल रही मुठभेड़ में छह आतंकवादी मारे गए। हालांकि, आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक राष्ट्रीय राइफल्स के पैरा कमांडो लांस नायक प्रदीप नैन और हवलदार राज कुमार शहीद हो गए।
सुरक्षा बलों को कुलगाम जिले में एक-दूसरे से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मुदरगाम और चिन्नीगाम गांवों में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। इसी दौरान सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई थी।
आध्यात्म
नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां
नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है। मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।
मां को प्रिय है ये भोग
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।
यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा
मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।
माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं
जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।
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