उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के 17,342 कारीगर और शिल्पकार हुए प्रशिक्षित
लखनऊ। कारीगरों और शिल्पकारों के सशक्तिकरण के उद्देश्य से शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 21 जनपदों में 17,342 कारीगरों और शिल्पकारों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों की आजीविका में सुधार लाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। योजना के अंतर्गत आगरा, अम्बेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, गाजीपुर, जौनपुर, झांसी, कौशांबी, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, मऊ, प्रतापगढ़, सहारनपुर, सोनभद्र और वाराणसी में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से योगी सरकार कारीगरों का कौशल निखारकर उन्हें रोजगार के साथ ही स्वरोजगार के लिए सक्षम बना रही है।
विभिन्न ट्रेड में किया गया प्रशिक्षित
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान कारीगरों और शिल्पकारों को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षित किया गया, जिनमें असिस्टेंट बारबर, सैलून सर्विसेस, असिस्टेंट हेयर ड्रेसर, ब्लैकस्मिथ (लोहार), ब्रिक मेसन, बेसिक, कारपेंटर्स, कंक्रीट मेसन-बेसिक, गोल्डस्मिथ (सुनार), हैमर एंड टूल किट मेकर, प्लास्टर मेसन-बेसिक, पॉटर (कुम्हार), शूजस्मिथ (कॉबलर), टेलर (दर्जी), ट्रेडिशनल मालाकार, ट्रेडिशनल सॉफ्ट टॉय मेकर और वॉशरमैन शामिल हैं।
आर्थिक और जीवन स्तर में हुई वृद्धि
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत प्रशिक्षित कारीगरों और शिल्पकारों ने अपनी दक्षताओं में सुधार किया है और उन्हें अपने व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षण मिला है। इस योजना से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी वृद्धि हुई है।
प्रदेश के 21 जनपदों में 17,342 कारीगर व शिल्पकार प्रशिक्षित
आगरा
अम्बेडकर नगर
अयोध्या
आजमगढ़
बहराइच
बलिया
बलरामपुर
फिरोजाबाद
गौतमबुद्ध नगर
गाजियाबाद
गाजीपुर
जौनपुर
झांसी
कौशाम्भी
लखीमपुर खीरी
ललितपुर
मऊ
प्रतापगढ़
सहारनपुर
सोनभद्र
वाराणसी
ट्रेड
असिस्टेंट बारबर- सैलून सर्विसेस
असिस्टेंट हेयर ड्रेसर
ब्लैकस्मिथ (लोहार)
ब्रिक मेसन- बेसिक
कारपेंटर्स
कंक्रीट मेसन-बेसिक
गोल्डस्मिथ (सुनार)
हैमर एंड टूल किट मेकर
प्लास्टर मेसन-बेसिक
पॉटर (कुम्हार)
शूजस्मिथ (कॉबलर)
टेलर (दर्जी)
ट्रेडिशनल मालाकार
ट्रेडिशनल सॉफ्ट टॉय मेकर
वॉशरमैन
उत्तर प्रदेश
अयोध्या के कुम्हारों के जीवन में ‘दीप’ जला रही योगी सरकार
अयोध्या। रामनगरी के दीपोत्सव ने अयोध्या के कुम्हारों का जीवन बदल दिया है। कभी रोजी-रोटी के लिए परेशान दिखने वाले कुम्हार अब दीपोत्सव के दौरान ही एक-एक लाख रुपये कमा लेते हैं। दीपोत्सव शुरू होने के बाद कुम्हार परिवार के युवा बाहर जाने के बजाय अब इलेक्ट्रिक चाक घुमाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जयसिंहपुर गांव में दीपोत्सव को लेकर व्यापक तैयारियां शुरू हो गई हैं।
2017 में प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही सर्वप्रथम अयोध्या को सजाने-संवारने का बीड़ा उठाया। इसके बाद भगवान राम के वनवास से लौटकर आने की खुशी में मनाई जाने वाली दीवाली ओर दीपोत्सव कराने का ऐलान कर दिया। हर वर्ष राम की पैड़ी पर इसका आयोजन होता है। इस दौरान लाखों की संख्या में दीप प्रज्ज्वलित होते हैं। दीयों की खरीदारी के लिए भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के कुम्हारों को वरीयता दी। नतीजा यह है कि इन वर्ष दीपोत्सव का आठवां संस्करण होने जा रहा है। कुम्हारों ने बड़ी संख्या में दीयों को बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस बार रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं। इसलिए कहा जा रहा है कि आठवां दीपोत्सव और भी भव्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने 25 लाख दीपों का जलाने का ऐलान किया है।
जलने हैं 25 लाख दीये, जुटा हुआ है परिवार
अयोध्या के विद्याकुण्ड के निकट स्थित जयसिंहपुर गांव में बड़े स्तर पर कुम्हार दीयों को बनाने में जुटे हुए हैं। यहां का 40 परिवार दीपोत्सव के लिए दीप बना रहा है। उनका मानना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका जीवन बदल दिया। दीपोत्सव में बिक्री होती ही है, लेकिन स्थानीय कुम्हारों के लिए की गई अपील के बाद लोग मिट्टी के दीयों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
30 से 35 हजार दीये बेच देते हैं: लक्ष्मी
जयसिंहपुर गांव की लक्ष्मी प्रजापति बताती हैं कि योगी सरकार की योजना ने हमारे घर को रोशन कर दिया है। दीपोत्सव में दीये बनाने का ऑर्डर मिलते ही पूरा परिवार जुट जाता है। 30 से 35 हजार दीये बनाकर बेचे जाते हैं।
सीएम के ऐलान के बाद बढ़ी आमदनी: राकेश
जयसिंहपुर गांव के राकेश प्रजापति बताते हैं कि अभी हमें ठेका नहीं मिला है, लेकिन विगत वर्षों में मिले आर्डर को देखते हुए हम लोगों ने दीये बनाने शुरू कर दिए हैं। सीएम के ऐलान के बाद हमारी आमदनी बढ़ी है।
पहले लोग चाइना की झालर से सजाते थे घर: आशा
गांव की आशा बताती हैं कि हम लोग हर वर्ष 20 से 25 हजार दीये बनाकर दीपोत्सव के लिए देते हैं। दीपोत्सव शुरू होने के बाद शहर के लोग दीयो से अपना घर सजाते हैं। नहीं तो लोग चाइना की झालरों का प्रयोग करते थे।
सीएम योगी ने दिलाई प्रजापतियों को पहचान: राजेश
गांव के राजेश प्रजापति ने बताया कि ये सीएम योगी की ही देन है कि दीपोत्सव के बाद से प्रजापति की भी पहचान हो गई है। नहीं तो हमें कोई पहचानता नहीं था। अभी टेंडर नहीं हुआ है, लेकिन हम लोगों ने अब तक 2 लाख से अधिक दीप तैयार कर लिए हैं।
शुरू हो चुका है दीपोत्सव का काउंट डाउन
आठवें दीपोत्सव का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं। उसके बाद अयोध्या नगरी एक नया कीर्तिमान रच देगी। दीपोत्सव को लेकर प्रशासनिक तौयारियाँ शुरू हो गई हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा अवध विश्वविद्यालय प्रशासन और वहां के छात्र भी जुट गए हैं।
दीपोत्सव में कब कितने दीप जले
सन-दीप
2017- 1.71 लाख
2018- 3.01 लाख
2019- 4.04 लाख
2020- 6.06 लाख
2021- 9.41 लाख
2022- 15.76 लाख
2023-22.23 लाख
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