Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

पहले पति ने फांसी लगातार दी जान, फिर पत्नी ने छत से कूदकर कर ली आत्महत्या, दो साल पहले की थी लव मैरिज

Published

on

Loading

गोरखपुर। गोरखपुर के कैंट थानाक्षेत्र के सिविल लाइंस में रहने वाले मशहूर मनोचिकित्‍सक डा. रामशरण के दामाद ने सारनाथ के एक होटल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रविवार को जब ये खबर सारनाथ पुलिस ने मोबाइल पर चिकित्‍सक को दी, तो उनकी 30 वर्षीय बेटी संचिता शरण ने घर की छत की दूसरी मंजिल से छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया। घटना के बाद मौके पर पहुंची कैंट पुलिस और फोरेंसिक टीम ने साक्ष्‍य संकलन किया और लाश के पोस्‍टमार्टम के लिए भेज दिया। संचिता के सुसाइड का CCTV फुटेज भी पुलिस को मिला है।

डॉ. रामशरण ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनकी बेटी संचिता शरण ने साल 2021 में हरीश बागेश के साथ लव मैरिज की थी। दोनों एक-दूसरे को बेइंतहा प्‍यार करते थे। उनके दामाद बिहार के पटना के रहने वाले थे। दामाद भूमिहार और वो लोग कायस्‍थ हैं। हरीश के पिता को ये शादी स्‍वीकार नहीं थी। हरीश ने जम्मू से बीकॉम और एमबीए की पढ़ाई की। कुछ दिन तक उसने कई प्राइवेट बैंकों में भी काम किया। उसकी अंतिम नौकरी एचडीएफसी बैंक में थी, जिसमें जनवरी 2024 तक उसने फील्ड वर्क किया था। इसके बाद उसने काम छोड़ दिया। तब से हरीश संचिता के साथ सिविल लाइंस स्थित बिस्मिल पार्क के सामने डॉ. रामशरण श्रीवास्तव के घर में रह रहा था।

बताया जा रहा है कि शादी के बाद से ही हरीश और संचिता नौकरी को लेकर काफी तनाव में थे। हरीश ने मुंबई से लेकर कई जगहाें पर निजी बैंकों में काम किया लेकिन कहीं वह टिक नहीं पाया। वहीं संचिता भी नौकरी के लिए इधर-उधर प्रयास कर रही थी। इस बात को लेकर दोनों के बीच नोक-झोंक भी हो रही थी। सूत्रों के अनुसार, हरीश पांच जुलाई को नाराज होकर घर से निकला था। उसने जाते समय बताया था कि वह पटना अपनी बहन से मिलने जा रहा है, लेकिन वह वाराणसी के सारनाथ निकल गया।

हरीश ने एक वेबसाइट की मदद से सारनाथ में अटल नगर कॉलोनी, मवइयां स्थित एक होम स्टे बुक किया था। पुलिस की पूछताछ में होम स्टे संचालक ने बताया कि एक एप के माध्यम से हरीश ने कमरा नंबर-202 बुक किया था। पांच जुलाई की रात वह अपने कमरे में आया था। हरीश के रिश्तेदार पांडेयपुर निवासी राजू कुमार रविवार की सुबह होम स्टे में आए और उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा न खुलने पर उन्होंने संचालक को सूचना दी। संचालक ने रोशनदान से झांक कर देखा तो हरीश पंखे के हुक से रस्सी के फंदे के सहारे लटका हुआ था। सूचना पाकर सारनाथ थाने की पुलिस मौके पर आई और दरवाजा तोड़ कर शव को नीचे उतरवाई। उसके कमरे से पुलिस को गांजा, सिगरेट, लाइटर, पर्स और मोबाइल मिला।

 

Continue Reading

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending