उत्तर प्रदेश
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला दीपोत्सव बनायेगा नया विश्व कीर्तिमान
अयोध्या। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला दीपोत्सव नया विश्व कीर्तिमान बनायेगा। वहीं योगी सरकार के दीपोत्सव के आठवें संस्करण में डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल के प्रबंधन में दीपोत्सव-2024 को ऐतिहासिक बनाने के लिए 30 हजार वालंटियर्स के सहयोग से 25 लाख से अधिक दीयों को प्रज्ज्वलित करने की तैयारी पूरी की गई। मंगलवार को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड टीम के कंसल्टेंट निश्चल बरोट की अगुवाई में 30 सदस्यों ने सरयू के 55 घाटों के दीप की गणना पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, समन्वयक व गणना वालंटियर की मौजूदगी में शुरू की।
विवि प्रशासन द्वारा दीपोत्सव को अलौकिक और भव्य बनाने के लिए वालंटियर्स एवं पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान कर दिए गए हैं। 30 अक्टूबर को दीपोत्सव के दिन दीये में तेल भरने के लिए एक-एक लीटर सरसों की बोतल उपलब्ध कराई जायेगी। वालंटियर 28 लाख बिछाये गए दीप में सावधानीपूर्वक तेल डालेंगे। घाट पर तेल न गिरे, इसका विशेष ध्यान रखा जायेगा।
विवि प्रशासन ने सरयू के 55 घाटों पर 28 लाख दीयों को सजाने के कार्य को अंतिम रूप दे दिया। इसकी तैयारियों को लेकर विश्वविद्यालय ने पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, गणना वालंटियर्स के साथ दो हजार से अधिक भारी भरकम टीम उतार दी है। इनकी निगरानी में दीपोत्सव में 25 लाख से अधिक दीये प्रज्ज्वलित होंगे। दीपोत्सव की भव्यता विश्व पटल पर दिखे, इसके लिए विश्वविद्यालय परिसर के वालंटियर द्वारा घाट न0 10 पर 80 हजार दीए से स्वास्तिक सजाया गया है। इससे पूरी दुनिया में शुभता का संदेश जायेगा। यह आकर्षण का केन्द्र होगा। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल के कुशल मार्गदर्शन में 30 हजार वालंटियर द्वारा 55 घाटों पर 16 गुणे 16 दीए का ब्लाक बनाया गया है, जिसमें 256 दीए सजाये गये हैं। इनमें एक वालंटियर को 85 से 90 दीए प्रज्ज्वलित किए जाने का लक्ष्य दिया गया है।
दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो0 संत शरण मिश्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन, जिला प्रशासन के सहयोग से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कार्य को अंतिम रूप दे दिया गया है। राम नगरी के 55 घाटों पर दीयों की सुरक्षा पुलिस प्रशासन व विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों द्वारा की जा रही है। घाटों पर सुरक्षा सख्त कर दी गई है। बिना आई कार्ड के प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। 30 अक्टूबर को दीपोत्सव के दिन प्रातः 10 बजे से पर्यवेक्षक, घाट प्रभारी, समन्वयक व गणना वालंटियर्स की देखरेख में 25 लाख से अधिक दीयों में तेल डालने, बाती लगाने व देर शाम शासन द्वारा नियत समय पर दीए प्रज्जवलित किए जायेंगे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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