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लाइफ स्टाइल

गर्द में लिपटे हैं आपके घर के कोने?

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नई दिल्ली| क्या आप घर की सफाई सिर्फ उसे ऊपर से चकाचक दिखाने के लिए करते हैं? अगर हां, तो संभल जाइए। घर की सफाई आपके परिवार के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। विशेषज्ञ कहते हैं कि रसोई की दराज, आलों और एग्जॉस्ट फैन जैसी अछूती जगहों की सफाई के लिए विशेष सावधानी बरतें। उच्च-तकनीक वाली सफाई सेवा मुहैया कराने वाली नई कंपनी ‘ब्रूमबर्ग डॉट इन’ के सह-संस्थापक सम्राट गोयल ने यहां कुछ ऐसे ही टिप्स दिए हैं।

-किचन की दराज व आलों के ऊपर : ऊंचाई पर स्थित रसोई की दराजों व आलों तक पहुंचने की कोशिश करें। धूल और खाद्य तेल से निकला धुआं एक चिपकने वाला मिश्रण बनाता है। यह मिश्रण आपको रसोई की इन जगहों पर आसानी से दिख जाएगा।

-स्विच बोर्ड के ऊपर व इर्दगिर्द : स्विच बोर्ड की नियमित साफ-सफाई बेहद जरूरी है। उनका प्रयोग रोजाना होता है, ऐसे में उन पर कीटाणु के पनपने की प्रबल आशंका होती है।

-एग्जॉस्ट फैन के आसपास : रसोई और बाथरूम के एग्जॉस्ट फैन के ब्लेड की सफाई कभी-कभार ही होती है, लेकिन एग्जॉस्ट खिड़की के आसपास के हिस्से की सफाई का क्या? आपको वहां धूल व तेल से निकलने वाले धुएं की एक पतली परत मिलेगी।

-गीजर के ऊपर : आपका स्टोरेज जैसा वाटर हीटर एक मददगार चीज है, लेकिन उसके ऊपरी हिस्से का क्या? आपको उसके ऊपर धूल व गर्द की परतें मिलेंगी, जो वर्षो तक अनदेखी का शिकार होती हैं।

-ट्यूबलाइट/लाइट फिक्सचर के ऊपर : रोशनी देने वाली ट्यूबलाइट अक्सर खुद कालिख व मैल की शिकार होती हैं। ट्यूब लाइट व ऊंचाई पर स्थित फिक्सचर धूल जमने की वाजिब जगह हैं। साफ-सफाई के दौरान इन जगहों की अक्सर अनदेखी होती है।

-पेंटिंग्स के पीछे : पेंटिंग्स आपके कमरे को खूबसूरत बनाने के लिए होती हैं लेकिन वह अपने पीछे दीवार का काफी हिस्सा घेरे रखती हैं, जहां धूल-गर्द छिपी रहती है। गाहे-बगाहे पेंटिंग्स को नीचे उतारें और पीछे छुपी धूल की सफाई करें।

-सोफे के पीछे : जब सवाल साफ-सफाई का हो, तो सोफे काफी भारी पड़ते हैं। इन्हें आमतौर पर दीवार से सटाकर रखा जाता है, जिससे उस जगह झाड़ू या मॉप नहीं पहुंच पाता।

-ऊंचाई पर स्थित खिड़कियां : हवा आने-जाने व घुटन दूर करने के लिए बनाई गईं इन खिड़कियों की आप कभी सफाई नहीं करते।

-सिंक के नीचे : आपका चमचमाता सिंक निचले हिस्से में धूल-मिट्टी व गंदगी छिपाए रहता है। इसके निचले हिस्से को देखें और उसे भी साफ रखें।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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