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अन्तर्राष्ट्रीय

काठमांडू में असुरक्षित घर चिन्हित किए गए

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काठमांडू। नेपाल में 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप के बाद बहुत से लोग बेघर हो चुके हैं। कुछ लोगों ने अपने-अपने घरों में वापस लौटना शुरू कर दिया है, लेकिन मजबूरीवश कुछ लोग अभी भी बेघर हैं।

नेपाल में आए 7.9 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद अब अधिकारी लाल, पीले और हरे रंग के निशान से घरों को चिन्हित कर रहे हैं। नेपाल में भूकंप से 6,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 10,000 से ज्यादा घायल हुए हैं। भूकंप में लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। लाल रंग से चिन्हित घर रहने के लिए असुरक्षित हैं, पीले रंग से चिन्हित घरों में रहने से पहले उनकी मरम्मत की जरूरत की ओर संकेत करता है, जबकि हरे रंग से चिन्हित घर रहने के लिए सुरक्षित हैं।

काठमांडू के ज्ञानेश्वर के पास मध्यवर्गीय इलाके के 58 वर्षीय धीरज पांडे के घर पर लाल रंग का निशान लगाया गया है। धीरज ने बताया कि मुझे नहीं पता कि क्या करना है। हमें बताया गया है कि घर के अंदर रहना जोखिमभरा है। भूकंप के बाद उनके 11 कमरों वाले घर में बहुत-सी दरारें पड़ गई हैं। उन्होंने बताया कि भूकंप के समय वह घर से बाहर थे। धीरज का परिवार- पत्नी, दो बच्चे, माता-पिता भूकंप से सुरिक्षत हैं।
भूकंप के बाद से धीरज का पूरा परिवार शामियाने में रह रहा है। उन्होंने अपनी कार की ओर इशारा करते हुए कहा कि अब यह मेरा शयनकक्ष है। धीरज की पत्नी सुनीता ने बताया कि भूकंप के समय हमारा घर पीछे की ओर जा रहा था। यहां तक कि जब हम बाहर की ओर आ रहे थे, तब भी लग रहा था कि धरती घूम रही है। धीरज की मां व्हीलचेयर पर हैं। उनके 89 वर्षीय पिता भी भूकंप के बाद से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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