प्रादेशिक
छत्तीसगढ़ जेल में कैदियों के लिए ब्यूटीशियन कोर्स
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ की जगदलपुर सेंट्रल जेल में इस समय दो दर्जन छोटे-बड़े उद्योग चलाए जा रहे हैं, जिसमें बंदियों की अहम भूमिका है। जेल के अफसर अब महिला बंदियों के लिए ब्यूटी पार्लर का कोर्स शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। मौजूदा सत्र में बंदियों ने करीब दो करोड़ रुपये का टर्नओवर कर राज्य की विभिन्न सेंट्रल जेलों को पीछे छोड़ दिया है। इससे उत्साहित जेल के अफसर अब एनजीओ की मदद से सेंट्रल जेल में महिला बंदियों के लिए ब्यूटी पार्लर का कोर्स शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। इसी महीने यह कोर्स शुरू भी हो जाएगा।
ब्यूटीशियन कोर्स में फेशियल, थ्रेडिंग, ब्लीचिंग से लेकर उन्हें टैटू, टेडी बियर बनाने का तरीका सिखाया जाएगा। एक तरह से बस्तर की महिलाओं को यहां शहरी के साथ-साथ ग्रामीण पारंपरिक श्रृंगार का प्रशिक्षण करवाया जाएगा। अलग-अलग ढंग से बालों का मेकअप जिसमें चोटी, जूड़ा बनाना भी बताया जाएगा। इसके लिए अफसरों की एक एनजीओ से चर्चा अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
जेल में ब्यूटीशियन कोर्स का प्रस्ताव मुख्यालय के वरिष्ठ अफसरों को भेजा गया था, जिस पर हरी झंडी मिलने के बाद कवायदें तेज हुई हैं। जगदलपुर में नई जेल का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। आने वाले समय में वहां हाई सिक्युरिटी वाली 20 बैरकें बननी हैं। इसके लिए भी राशि मंजूर हो चुकी है। अगले चरण में गौरवपथ के निकट जेल प्रशासन को 12 नई दुकानें बनानी हैं, जिसमें से एक दुकान ब्यूटी पार्लर के लिए महिला बंदियों को अलॉट की जाएगी। सेंट्रल जेल के अधीक्षक राजेंद्र गायकवाड़ ने बताया कि ब्यूटी पार्लर सहित अन्य तमाम उद्योग धंधों को शुरू करने के पीछे पुनर्वास की सोच का मकसद रहता है। रिहाई के बाद बंदियों को इसका फायदा मिलता है।
अहम बात यह है कि विभिन्न उद्योग-धंधों में पुरुष बंदी पारंगत होते हैं और रिहाई के बाद यह उनके काम आता है। इस तरह के पाठ्यक्रम से महिलाओं को भी पुनर्वास व आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। बस्तर की सेंट्रल जेल में 100 से ज्यादा विचाराधीन और सजा भुगतने वाली महिलाओं को रखा गया है। इसके लिए जेल के एक सेक्टर में अलग व्यवस्था है। वहीं अब दंतेवाड़ा की जिला जेल में भी महिलाओं के लिए अलग से एक बैरक बनाने की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि आने वाली समय में जब वहां के एक्सटेंशन का पूरा होगा, उसी समय महिला बैरक भी तैयार होगी।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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