Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

छत्तीसगढ़ जेल में कैदियों के लिए ब्यूटीशियन कोर्स

Published

on

Loading

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ की जगदलपुर सेंट्रल जेल में इस समय दो दर्जन छोटे-बड़े उद्योग चलाए जा रहे हैं, जिसमें बंदियों की अहम भूमिका है। जेल के अफसर अब महिला बंदियों के लिए ब्यूटी पार्लर का कोर्स शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। मौजूदा सत्र में बंदियों ने करीब दो करोड़ रुपये का टर्नओवर कर राज्य की विभिन्न सेंट्रल जेलों को पीछे छोड़ दिया है। इससे उत्साहित जेल के अफसर अब एनजीओ की मदद से सेंट्रल जेल में महिला बंदियों के लिए ब्यूटी पार्लर का कोर्स शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। इसी महीने यह कोर्स शुरू भी हो जाएगा।

ब्यूटीशियन कोर्स में फेशियल, थ्रेडिंग, ब्लीचिंग से लेकर उन्हें टैटू, टेडी बियर बनाने का तरीका सिखाया जाएगा। एक तरह से बस्तर की महिलाओं को यहां शहरी के साथ-साथ ग्रामीण पारंपरिक श्रृंगार का प्रशिक्षण करवाया जाएगा। अलग-अलग ढंग से बालों का मेकअप जिसमें चोटी, जूड़ा बनाना भी बताया जाएगा। इसके लिए अफसरों की एक एनजीओ से चर्चा अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।

जेल में ब्यूटीशियन कोर्स का प्रस्ताव मुख्यालय के वरिष्ठ अफसरों को भेजा गया था, जिस पर हरी झंडी मिलने के बाद कवायदें तेज हुई हैं। जगदलपुर में नई जेल का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। आने वाले समय में वहां हाई सिक्युरिटी वाली 20 बैरकें बननी हैं। इसके लिए भी राशि मंजूर हो चुकी है। अगले चरण में गौरवपथ के निकट जेल प्रशासन को 12 नई दुकानें बनानी हैं, जिसमें से एक दुकान ब्यूटी पार्लर के लिए महिला बंदियों को अलॉट की जाएगी। सेंट्रल जेल के अधीक्षक राजेंद्र गायकवाड़ ने बताया कि ब्यूटी पार्लर सहित अन्य तमाम उद्योग धंधों को शुरू करने के पीछे पुनर्वास की सोच का मकसद रहता है। रिहाई के बाद बंदियों को इसका फायदा मिलता है।

अहम बात यह है कि विभिन्न उद्योग-धंधों में पुरुष बंदी पारंगत होते हैं और रिहाई के बाद यह उनके काम आता है। इस तरह के पाठ्यक्रम से महिलाओं को भी पुनर्वास व आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। बस्तर की सेंट्रल जेल में 100 से ज्यादा विचाराधीन और सजा भुगतने वाली महिलाओं को रखा गया है। इसके लिए जेल के एक सेक्टर में अलग व्यवस्था है। वहीं अब दंतेवाड़ा की जिला जेल में भी महिलाओं के लिए अलग से एक बैरक बनाने की तैयारी चल रही है। माना जा रहा है कि आने वाली समय में जब वहां के एक्सटेंशन का पूरा होगा, उसी समय महिला बैरक भी तैयार होगी।

Continue Reading

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending