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प्रादेशिक

छत्तीसगढ़ : आम इस बार नहीं रहेगा ‘आम’

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम की मार का असर ग्रीष्मकाल की प्रमुख फसल आम पर बड़े पैमाने पर पड़ा है। पिछले 15-20 दिनों से जारी आंधी और बारिश से आम की फसल चौपट हो गई है। वहीं इन दिनों राजधानी की मंडी में आम की आवक घटकर लगभग आधी हो गई है।

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि आवक की कमी और फसल के नुकसान से इस वर्ष आम की कीमतों में तेजी आ सकती है। लालपुर के थोक फल विक्रेताओं ने स्वीकार किया कि राजधानी में इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले आम की आवक काफी कम हुई है। छत्तीसगढ़ में इस बार किसान भी आम के फसल अच्छी होने से अच्छे उत्पादन की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन आंधी-तूफान ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बताया जा रहा है कि प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में आए बारिश और तेज आंधी से पकने के पहले की आम गिर गए। इसके कारण बाजार में स्थानीय पके आम की आवक कम हो गई। उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों से हो रही आवक के चलते इनके दाम बढ़े हुए हैं।

कुल मिलाकर देखा जाए, तो इस वर्ष आम की कीमत अन्य वर्षो के मुकाबले कुछ ज्यादा ही रहने की संभावना है। आंधी से कच्चे आम भी काफी पैमाने पर गिर गए हैं। लिहाजा इनकी कीमत भी स्थानीय बाजारों में 15-20 रुपये प्रति किलो के आसपास है। वहीं पके आम बाजारों में फिलहाल 60 से 120 रुपये किलो बिक रहे हैं। छत्तीसगढ़ उद्यानिकी संचालनालय से मिली जानकारी के अनुसार मौसम की मार से इस वर्ष आम की फसल 20 से 30 प्रतिशत तक प्रभावित हुई है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के उद्यानिकी विभाग के जी.डी. साहू ने वीएनएस से चर्चा में बताया कि छत्तीसगढ़ में 25-30 तरह के आम होते हैं। इसमें लंगड़ा, आम्रपाली, दशहरी, मल्लिका, बैंगनफल्ली, सिंदूरी, कलमी जैसी किस्में शामिल हैं। साहू ने बताया कि प्रदेश में कुल 64,300 हेक्टेयर में आम की पैदावार होती है। इसमें रायपुर जिले में 2,255 हेक्टेयर में आम की फसल होती है।

उन्होंने बताया कि आंधी-बारिश से इस वर्ष आम की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। पेड़ों से आम गिर गए हैं। साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आम का कुल उत्पादन 3 लाख 27 हजार 914 मीट्रिक टन होता है। यहां प्रति हेक्टेयर 3.27 मीट्रिक टन आम की फसल होती है। उनका कहना था कि आम के उत्पादन के लिए छत्तीगढ़ में बस्तर, बिलासपुर, अंबिकापुर, रायगढ़ आदि अग्रणी है। राजधानी के लालपुर स्थित फल बाजार के थोक व्यापारी विजय कुमार चौधरी ने वीएनएस से चर्चा में बताया कि इस वर्ष आम की आवक पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग आधी रह गई है। पिछले वर्ष इसी सीजन में जहां रोजाना करीब 7-8 गाड़ी (लगभग 14 टन) आमों की आवक हुई, वहीं इस वर्ष मात्र 4 गाड़ी (लगभग 7 टन) आम ही रोज आ पा रहा है। चौधरी ने बताया कि मौसम की मार से आम की फसल काफी प्रभावित हुई है। फिलहाल आंध्रप्रदेश से बैंगनफल्ली, सुंदरी व लंगड़ा आमों की आवक है।

 

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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