बिजनेस
सीमंस में और 4,500 कामगारों की होगी छंटनी
फ्रैंकफर्ट। औद्योगिक कंपनी सीमंस एजी ने गुरुवार को कहा कि वह और 4,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी। इससे पहले फरवरी महीने के शुरू में कंपनी ने कहा था कि वह दुनिया भर में 7,800 कर्मचारियों को नौकरी से निकालना चाह रही है। जर्मनी की इस कंपनी के ऊर्जा और गैस कारोबार में समस्या आ रही है, जो बिजली बाजार में नियमन, कीमतों में गिरावट और कांटे की प्रतियोगिता के कारण और बढ़ गई है।
सीमंस ने कहा कि वर्तमान और पुरानी दोनों ही घोषणाओं के तहत जर्मनी में कुल करीब 5,100 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा। फरवरी में जो छंटनी की घोषणा की गई थी, उसका मकसद 2016 तक 1.13 अरब डॉलर की बचत करना था, जिसका उपयोग कंपनी विकास, उत्पादकता और नवाचार बढ़ाने पर करना चाहती है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जो केसर ने कहा कि कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद कंपनी में संरचनागत सुधार करने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। कंपनी ने साथ ही कहा कि वह 11 हजार अतिरिक्त नौकरियों का सृजन करना चाहती है, जिसमें 1,500 जगह का सृजन जर्मनी में होगा।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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