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प्रादेशिक

न्यायपालिका पर बिफरी शिवसेना

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मुंबई | सरकारी विज्ञापनों में राजनेताओं की तस्वीरों के इस्तेमाल की मनाही से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले से नाखुश शिवसेना ने इसे ‘अनुचित’ करार दिया है। न्यायालय ने सरकार तथा इसकी एजेंसियों के विज्ञापन में किसी भी राजनीतिक हस्ती तथा मंत्री की तस्वीर के इस्तेमाल को व्यक्ति पूजा को बढ़ावा देने वाला करार देते हुए इस पर रोक लगाने का आदेश दिया है। हालांकि, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राष्ट्रपिता तथा प्रधान न्यायाधीश की तस्वीर का इस्तेमाल सरकारी विज्ञापनों में करने की अनुमति दी गई है।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा, “जब भी न्यायालय फैसला सुनाता है, हम कहते हैं हां, महाराज, हम इसे स्वीकार करते हैं और सहमति में सिर हिलाते हैं, क्योंकि कोई भी न्यायालय की अवमानना नहीं करना चाहता।” पार्टी ने सवालिया लहजे में लिखा, “हाल के समय में न्यायालय ने फैसला दिया है या निर्वाचित सरकार की अवहेलना की है या वे स्वयं प्रशासन को निर्देश दे रहे हैं? अब चूंकि यह फैसला सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है, इसलिए हमारे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है कि हम भी सिर झुकाकर कहें कि ‘हां, महाराज’।”

संपादकीय में शिवसेना ने शोभा डे के बारे में भी लिखा। हालांकि पार्टी ने उनका नाम नहीं लिया। इसके मुताबिक, “महाराष्ट्र विधानसभा ने मराठियों के अपमान के लिए एक महिला (शोभा डे) के खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन अदालत ने इस पर भी रोक लगा दी।” शिवसेना ने कहा, “फिर हम क्यों लोकतंत्र का प्रलाप करें और क्यों धूप और बारिश में विधानसभा के गठन के लिए तकलीफ उठाएं। एक तरफ हम लोकतंत्र का जयगान करते हैं, दूसरी तरफ न्यायालय लोकतंत्र की रीढ़ तोड़ने के आदेश देती है।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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