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प्रादेशिक

‘लोन डिफॉल्टर भी हैं गोवा के फरार मंत्री पचेको’

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पणजी। गोवा के फरार पूर्व मंत्री फ्रांसिस्को ‘मिकी’ पचेको पर शिकंजा कसता जा रहा है। नए मामले में आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने पचेको को एक सरकारी कंपनी से पांच करोड़ के ऋण का गबन करने दिया। पचेको पिछले एक माह से अधिक समय से फरार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मई में उन्हें दोषी ठहराने वाले फैसले को बरकरार रखा था। विपक्ष अब सरकारी तंत्र पर पचेको की भागने में सहायता करने का आरोप लगा रहा है। पचेको ने एक नाव खरीदने के लिए चार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसे उन्होंने चुकाया नहीं था।

आम आदमी पार्टी (आप) प्रवक्ता वाल्मीकि नाइक ने कहा कि आíथक विकास निगम (ईडीसी) ने जिला जज की अदालत में एक याचिका दाखिल की थी, जिस पर अदालत ने माल ढोने वाली नौका कुर्क करने का अंतरिम आदेश दिया था। पचेको और उनकी पत्नी वियोला फर्नाडीस दोनों ही मेसर्स जियोवन्नी एंड जेब्रॉन्नी शिंपिंग के निदेशक हैं। ऋण इसी कंपनी के नाम पर लिया गया था। लोन वापस लौटाने की पहली किस्त के रूप में कंपनी ने 50 लाख रुपये का चेक दिया था जो कि बाउंस हो गया।

नाइक ने कहा, “अगर चेक देने वाले हम और आप होते और चेक बाउंस हो जाता तो हम अभी जेल में होते। वहीं इसके बावजूद पचेको को मंत्रिमंडल में जगह देकर पुरस्कृत किया गया।” आप ने सवाल उठाया कि ईडीसी ने अदालत के आदेश के बावजूद भी मामले को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि ईडीसी ने इसके बजाय मंत्री को अपनी ओर से एक प्रस्ताव दिया जिसके तहत उनसे विशेष योजना के तहत मामले को सुलझाने की बात कही गई। पचेको डाउन पेमेंट करने में भी असफल रहे थे जो कि इस योजना का लाभ लेने की आवश्यक शर्त होती है।

नाइक ने कहा कि सरकार इस बकाया राशि की वसूली के लिए क्या कदम उठा रही है और वह अदालत के आदेश के बावजूद पचेको की संपत्ति कुर्क क्यों नहीं कर रही है। आप द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के मुताबिक, पचेको और उनकी पत्नी की संपत्ति 12 करोड़ रुपये है जबकि ऋण की राशि पांच करोड़ है। पचेको फरार हैं और उनकी पत्नी से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

पचेको भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में अभिलेखागार और पुरातत्व मंत्री थे। पचेको को 2006 में राज्य विद्युत विभाग के एक कनीय अभियंता के साथ मारपीट करने के मामले में दोषी पाया गया है। बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखने के बाद उनसे जबरन इस्तीफा ले लिया गया था। उच्च न्यायालय ने उन्हें छह माह की जेल और अर्थदंड की सजा सुनाई थी। पचेको के खिलाफ जबरन वसूली, मारपीट करने, दो शादी रचाने, काले धन को वैध बनाने और मानव तस्करी तथा लोन डिफॉल्ट जैसे मामले दर्ज हैं। वह नौ अप्रैल से फरार हैं।

पुलिस महानिरीक्षक सुनील गर्ग ने कहा कि हम अब भी उनकी तलाश कर रहे हैं। पचेको की सूचना देने पर 25 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए एक पुलिस दल भी दिल्ली में तैनात है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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