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उपराज्यपाल के पास व्यवस्था, सेवा संबंधित अधिकार : केंद्र

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नई दिल्ली| दिल्ली में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति एवं तबादले पर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच पैदा हुए विवाद के करीब एक सप्ताह बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उपराज्यपाल के पास लोक व्यवस्था और सेवाओं से संबंधित मुद्दों के अधिकार हैं और वह उनका इस्तेमाल कर सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस संबंध में गुरुवार को अधिसूचना जारी की गई, जो शुक्रवार को सार्वजनिक हुई। इसमें कहा गया है, “राज्य विधानसभा को सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस एवं भूमि को छोड़कर राज्य सूची या समवर्ती सूची में आने वाले विषयों से संबंधित मुद्दों पर पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली या इसके कुछ हिस्सों के लिए कानून बनाने का अधिकार है।”

अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि उपराज्यपाल केंद्र प्रशासित क्षेत्र के प्रशासक होते हैं। इसके मुताबिक, “संविधान का अनुच्छेद 239एए, जिसे वर्ष 1991 में 69वें संविधान संशोधन के जरिए शामिल किया गया, के अनुसार दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र कहा जाएगा और यहां के प्रशासक उपराज्यपाल होंगे।”

अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा होती है।

इसमें कहा गया है, “केंद्र प्रशासित क्षेत्र कैडर के अधिकारियों में आईएएस और आईपीएस अधिकारी शामिल होते हैं, जो दिल्ली, चंडीगढ़, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दमन एवं दीव, दादरा व नगर हवेली, पुड्डुचेरी जैसे केंद्र प्रशासित क्षेत्रों के लिए समान हैं। अरुणाचल प्रदेश, गोवा तथा मिजोरम जैसे राज्यों के लिए भी आईएस अधिकारियों की नियुक्ति केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा होती है।”

अधिसूचना के मुताबिक, “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का अपना राज्य लोक सेवा आयोग नहीं है।”

गौरलतब है कि इस साल फरवरी में दिल्ली की सत्ता संभालनेवाली आप सरकार वरिष्ठ अधिकारियों, खासकर आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति एवं तबादले पर अपना अधिकार होने का दावा कर रही है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच वरिष्ठ नौकरशाहों की नियुक्ति एवं तबादले को लेकर विवाद की शुरुआत 15 मई को वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन की मुख्य कार्यवाहक सचिव के पद पर नियुक्ति से हुई।

मुख्यमंत्री ने गैमलिन पर राष्ट्रीय राजधानी में बिजली वितरण कंपनियों के लिए लॉबिंग करने का आरोप लगाया है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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