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उचित जन्म प्रमाण-पत्र के बिना स्कूल में प्रवेश नहीं : न्यायालय

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चंडीगढ़| पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए बच्चों का उचित जन्म प्रणाम-पत्र होना अनिवार्य कर दिया है। न्यायालय ने स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि केवल उन्हीं बच्चों का दाखिला लिया जाए, जिनके पास वैध प्रमाण-पत्र हैं। न्यायालय का यह निर्णय पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में लागू होगा। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति लिसा गिल की खंडपीठ ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि इस न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आने वाले स्कूल बच्चों प्रवेश लेते समय जन्म एवं मृत्यु पंजीयक की ओर से जारी जन्म प्रमाण-पत्रों पर जोर देंगे, ताकि 10वीं के प्रमाणपत्र में सही जन्मतिथि दिखाई जा सके।”

पीठ ने कहा, “कोई भी स्कूल तब तक बच्चों का दाखिला न लें जब तक कि उन्हें इस संबंध में जन्म एवं मृत्यु पंजीयक द्वारा जारी जन्म प्रमाण-पत्र नहीं सौंपे जाते।”

न्यायालय ने यह फैसला एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें अंबिका कौल ने जन्म एंव मृत्यु पंजीयक द्वारा पंजीकृत जन्मतिथि के आधार पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के प्रमाण-पत्र में लिखी गई गई जन्मतिथि में बदलाव की मांग की थी।

न्यायालय ने कहा कि सीबीएसई के प्रमाण-पत्र में लिखी गई जन्मतिथि पंजीयक के रिकार्ड में दर्ज जन्मतिथि से अलग है।

इससे पहले याचिकाकर्ता की याचिका पर एकल पीठ ने कहा था कि स्कूल रिकॉर्ड में दर्ज हो जाने के बाद जन्मतिथि में बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है।

 

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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