Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 2 फीसदी से अधिक तेजी रही

Published

on

stock-market

Loading

मुंबई। देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में दो फीसदी से अधिक की तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 2.32 फीसदी या 633.5 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 27,957.50 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.38 फीसदी या 196.6 अंकों की तेजी के साथ 8,458.95 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 24 में तेजी रही, जिनमें प्रमुख रहे सन फार्मा (6.01 फीसदी), बजाज ऑटो (5.90 फीसदी), टीसीएस (4.38 फीसदी), एचडीएफसी (4.34 फीसदी) और डॉ रेड्डीज लैब (4.22 फीसदी)। सेंसेक्स के छह शेयरों में गिरावट रही, जिनमें प्रमुख रहे टाटा स्टील (6.03 फीसदी), एसबीआई (1.71 फीसदी), सिप्ला (1.45 फीसदी), वेदांता (1.21 फीसदी) और टाटा मोटर्स (0.94 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी आधे से डेढ़ फीसदी तक की तेजी रही। मिडकैप 0.53 फीसदी या 55.89 अंकों की तेजी के साथ 10,619.81 पर और स्मॉलकैप 1.51 फीसदी या 166.87 अंकों की तेजी के साथ 11,207.66 पर बंद हुआ। शुक्रवार 15 मई को बाजार बंद होने के बाद जारी एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक अप्रैल 2015 में देश का वस्तु निर्यात 13.96 फीसदी घटकर 22.05 अरब डॉलर रहा। इसी दौरान आयात 7.48 फीसदी घटकर 33.04 अरब डॉलर रहा।

गुरुवार 21 मई को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतवंशियों के लिए देश में निवेश करना आसान बनाने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की नीति में कुछ निश्चित बदलाव के लिए मंजूरी दे दी। भारतवंशियों में अनिवासी भारतीय (एनआरआई), र्पसस ऑफ इंडियन ओरिजिन (पीआईओ) और ओवरसीज इंडियंस ऑफ इंडिया (ओसीआई) शामिल हैं। इसके तहत एनआरआई की परिभाषा बदलने की मंजूरी दी गई है, जिसके तहत नागरिकता अधिनियम-1955 की धारा 7 (ए) के तहत विदेश में रहने वाला भारतीय नागरिक या ओसीआई कार्डधारक एनआरआई माने जाएंगे और केंद्र सरकार की 19 अगस्त, 2002 की अधिसूचना के तहत पंजीकृत पीआईओ को ओसीआई माना जाएगा। साथ ही विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (एफईएमए) के तहत एनआरआई के निवेश को एक भारतीय के निवेश के समान घरेलू निवेश माना जाएगा। बयान के मुताबिक, इस बदलाव से देश में निवेश में अप्रत्याशित वृद्धि होगी।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

By

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending