अन्तर्राष्ट्रीय
इराकी सेना को आईएस के नियंत्रण वाले क्षेत्र में बढ़त
वाशिंगटन| इराक में सेना ने इस्लामिक स्टेट के नियंत्रण वाले बीजी तेल रिफाइनरी में महत्वपूर्ण बढ़त बनाई है। यह रिफाइनरी पिछले कई महीनों से आईएस के कब्जे में थी, लेकिन पिछले 72 घंटों में इराकी सुरक्षा बलों ने इसके कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है और वहां घिरे इराकी सुरक्षा बलों को जरूरी सामानों की पुन: आपूर्ति शुरू कर दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी रक्षा कार्यालय पेंटागन ने शुक्रवार को इराकी सुरक्षा बलों की इस बड़ी कामयाबी के बारे में घोषणा की।
अमेरिकी ब्रिगेडियर जनरल थॉमस वीडली ने एक बयान में कहा, “पिछले 72 घंटों में हमने देखा कि इराकी सुरक्षा बलों ने बीजी ऑयल रिफाइनरी के कुछ हिस्सों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हालांकि आईएस की ओर से उन्हें कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। आईएस इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज (आईईडी) और आईईडी लैस वाहनों से हमले कर रहा है। वे भारी हथियारों और रॉकेट से भी हमले कर रहे हैं। फिर भी सुरक्षा बलों ने इसका मजबूती से मुकाबला करते हुए आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है।”
आईएस आतंकवादियों ने अप्रैल में रिफाइनरी पर हमला कर दिया था और वहां मौजूद करीब 200 अमेरिकी सुरक्षाकर्मियों को बंधक बना लिया था। यह रिफाइनरी बगदाद से करीब 200 किलोमीटर दूर है और यह पिछले साल जून से ही बंद पड़ी है।
बीजी को फिर से सरकारी नियंत्रण में लेना अमेरिकी सेना की शीर्ष प्राथमिकता थी।
आईएस ने हालांकि हाल ही में इराकी शहर रामादी पर कब्जा कर लिया है, जिसे अमेरिका ने बड़ा झटका बताया है। स्वयं राष्ट्रपति बराक ओबामा ने स्वीकार किया है कि यह एक ‘रणनीतिक झटका’ है। उन्होंने इसका कारण इराकी सुरक्षा बलों का सही तरीके से प्रशिक्षित नहीं होना बताया है।
वहीं, इस मुद्दे को लेकर अमेरिका की घरेलू राजनीति में ओबामा की आलोचना भी हो रही है। सीनेट के रिपलब्लिकन सदस्य जॉन मैक्केन ने कहा, “राष्ट्रपति की नीति सफल नहीं हो रही है। निश्चित तौर पर यह निराश करने वाली विफलता है। यह त्रासदी है।”
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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