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प्रादेशिक

वृंदावन में खुले में कचरा जलाने पर लगा बैन

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वृंदावन। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश के वृंदावन शहर में घरेलू कचरा खुले स्थान पर जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। एनजीटी ने स्थानीय नगर निगम को निर्देश जारी कर घेरलू कचरा खुले स्थान पर जलाने से प्रतिबंधित किया है। सोमवार को जारी इस निर्देश की प्रति बुधवार को उपलब्ध हुई।

याचिकाकर्ता के वकील राहुल चौधरी ने बताया कि एनजीटी ने कार्यकर्ता मधुमंगल शुक्ला द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश दिए हैं। चौधरी ने बताया, “यह तत्काल ध्यान देने का मामला है, इसलिए एनजीटी से निवेदन किया गया था कि अदालतों में गर्मियों की छुट्टियां शुरू होने से पहले नगर निगम को निर्देश दिया जाए।”

एनजीटी ने नागरिक प्राधिकरणों और निजी निर्माण कंपनियों को भी कचरा यमुना नदी के किनारों पर फेंकने से मना किया है। शुक्ला का आरोप है कि भू-माफिया घाटों पर कचरा जमा करके नदी पर अतिक्रमण कर रहे हैं। कार्यकर्ता लंबे समय से जिला प्रशासन से शिकायत कर रहे हैं कि पवित्र शहर वृंदावन में घरेलू कचरा नदी के किनारों पर जमा किया जा रहा है और नदी पर अतिक्रमण बढ़ा है।

मथुरा की ‘ब्रज बचाओ’ समिति ने एनजीटी के निर्देश का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे नदी किनारों पर अतिक्रमण की जांच में मदद मिलेगी। इधर, एनजीटी के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए वृंदावन नगर निगम कर्मियों ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि कचरे का क्या करना है। हालांकि वृंदावन नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश गौतम ने कहा, “यह सब बकवास है। नदी के किनारों पर कोई अतिक्रमण नहीं है। ये बातें वे ब्लैकमेलर कह रहे हैं, जो वृंदावन का विकास नहीं चाहते।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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