Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में और कटौती संभव : शिवराज

Published

on

भोपाल,केंद्र प्रवर्तित योजनाओं,उपसमूह,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,मध्यप्रदेश,राजधानी भोपाल,केंद्र सरकार

Loading

भोपाल | केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की समीक्षा के लिए नीति आयेाग के तहत बनाए गए उपसमूह के प्रमुख मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि वर्तमान में चल रही योजनाओं में और कटौती संभव है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित उपसमूह की बैठक के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए चौहान ने कहा कि यूपीए सरकार के काल में केंद्र प्रवर्तित 147 योजनाएं चलती थीं, इनमें कुछ योजनाओं में तो नाम मात्र यानी पांच से 10 करोड़ का ही बजट हुआ करता था, इतना ही नहीं सभी योजनाएं हर राज्य के लिए व्यवहारिक नहीं होती थी, यही कारण है कि इन येाजनाओं में कटौती कर इन्हें कम करके 66 कर दिया गया है।

चौहान ने आगे कहा कि 66 योजनाओं को आवश्यकता के अनुसार तीन श्रेणियों0 में बांटा गया है। पहली श्रेणी में 17 योजनाएं हैं, जिनमें मनरेगा जैसी योजना है। वहीं दूसरी श्रेणी में 33 योजनाएं हैं। इनके फंड पैटर्न में राज्य बदलाव चाहते हैं। वहीं तीसरी श्रेणी में 17 वे योजनाएं हैं, जिन्हें बंद किया जा सकता है या राज्य की मर्जी पर निर्भर रहे। इनके लिए केंद्र सरकार की ओर से राशि का प्रावधान हो, ऐसा राज्य चाहते हैं। संभव है कि योजनाओं की संख्या घटकर 25 से 27 रह जाए। उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में ऐसी योजनाएं बनाई जाती थीं, जो सभी राज्यों के लिए महत्वपूर्ण नहीं होती थी, मसलन मनरेगा मध्य प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण थी तो पंजाब के लिए उसका ज्यादा महत्व नहीं था। इसलिए जरूरी हो गया है कि राज्यों की प्राथमिकता व आवश्यकता को देखकर योजनाएं बनाई जाएं।

केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए मिलने वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि पूर्व में राज्यों को केंद्रीय करों का 32 प्रतिशत हिस्सा मिलता था, योजना आयोग की सिफारिश पर इसे बढ़ाकर 42 प्रतिशत किया जा रहा है, इससे मध्य प्रदेश जैसे राज्य को मिलने वाली राशि में लगभग 14 हजार करोड़ रुपये का इजाफा होगा और वह बढ़कर 42 हजार करोड़ पर पहुंच जाएगी। एक सवाल के जवाब में चौहान ने कहा कि उपसमूह की तीन बैठकें हो चुकी हैं, विभिन्न राज्यों लगभग सभी मामलों में एकमत है, सात जून तक तमाम सुझावों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा, उसके बाद 13 जून को दिल्ली में होगी। संभवत: 20 जून को उपसमूह अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंप देगा।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending