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बिजनेस

लाभ अर्जित करने में रिलायंस इंडस्ट्रीज अव्वल

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मुंबई, गुजरे वित्तवर्ष के कारोबारी,रिलायंस इंडस्ट्रीज,ओएनजीसी,भारतीय स्टेट बैंक

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मुंबई | गुजरे वित्तवर्ष के कारोबारी प्रदर्शन का परिणाम जारी करने का दौर लगभग समाप्त हो चुका है और तेल क्षेत्र में रिफाइनिंग से रिटेल तक संपूर्ण कारोबार करने वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज गत वर्ष शुद्ध लाभ अर्जित करने में सबसे आगे रही। उसके बाद रही दो कंपनियों में है टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी)। 2014-15 में मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध लाभ साल-दर-साल आधार पर 4.8 फीसदी अधिक 23,566 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 22,493 करोड़ रुपये था।

अमेरिका की मशहूर पत्रिका ‘फोर्ब्स’ ने दुनिया के सबसे अमीर लोगों की अपनी सूची में मुकेश अंबानी को भारतीयों में सबसे ऊपर रखा है। लाभ अर्जित करने में टीसीएस दूसरे स्थान पर रही, जिसे 2014-15 में साल-दर-साल आधार पर 3.59 फीसदी अधिक 19,852 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ, जो एक साल पहले 19,163.87 करोड़ रुपये था। तीसरे स्थान पर रही ओएनजीसी। ओएनजीसी का शुद्ध लाभ 2014-15 में हालांकि 30.83 फीसदी फीसदी घट गया। कंपनी को 18,334 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ, जो एक साल पहले 26,506.53 करोड़ रुपये था।

अन्य अधिक शुद्ध लाभ अर्जित करने वाली कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक का शुद्ध लाभ 16,994 करोड़ रुपये, टाटा मोटर्स का शुद्ध लाभ 13,986 करोड़ रुपये और कोल इंडिया का शुद्ध लाभ 13,727 करोड़ रुपये का रहा। 2014-15 की चौथी तिमाही में भी रिलायंस इंडस्ट्रीज अव्वल रही। चौथी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध लाभ 6,381 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 5,631 करोड़ रुपये था। कोल इंडिया का शुद्ध लाभ 4,239 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 4,434 करोड़ रुपये था।

तीसरे स्थान पर रही टीसीएस, जिसे आलोच्य तिमाही में 3,713 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ, जो एक साल पहले समान अवधि में 5,357.61 करोड़ रुपये था। इसके बाद इंफोसिस का शुद्ध लाभ 3,097 करोड़ रुपये था, जो एक साल पहले समान अवधि में 2,883 करोड़ रुपये था। आलोच्य तिमाही में एकल आधार पर सर्वाधिक शुद्ध लाभ इंडियन ऑयल को 6,285 करोड़ रुपये का हुआ, जो एक साल पहले समान अवधि में 9,389 करोड़ रुपये था। इसके बाद ओएनजीसी का शुद्ध लाभ 3,935 करोड़ करोड़ रुपये रहा। ओएनजीसी के बाद भारतीय स्टेट बैंक को 3,742 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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