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प्रादेशिक

बांदा में बंदूकों के बल पर लुट रहा पानी

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बांदा (उप्र),चित्रकूट धाम मंडल,फत्तेपुर, कपसा, टिकरी, चांदी, भभई, बिहरका, इचैली, राज्यसभा सांसद विशम्भर प्रसाद

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बांदा (उप्र) । कभी डकैतों के गढ़ रहे बुंदेलखंड में अब पानी भी लूटा जाने लगा है। यहां के चित्रकूट धाम मंडल में पानी के संकट से दर्जनभर गावों के लोग परेशान हैं। इन गांवों में पाइप लाइनें तो हैं, लेकिन उन पाइप लाइनों का पानी लूट लिया जाता है। दर्जनभर गांवों का पानी मात्र तीन गांव के लोग बंदूकों के बल पर लूट लेते हैं।
हैरान करने वाली बात तो यह है कि हालात से वाकिफ सरकारी अफसर पानी के इंतजाम पर टका-सा जवाब देकर लोगों को चलता कर देते हैं। पानी की रोजाना हो रही इस लूट के कारण दर्जनभर गावों के लोग प्यासे मर रहे हैं। यही हालत कमोवेश यहां के पशु, पक्षियों की भी है। बांदा जल संस्थान भूरागढ़ से जुड़े गुसयारी, फत्तेपुर, कपसा, टिकरी, चांदी, भभई, बिहरका, इचैली और नायक पुरवा गावों के लोगों को पानी की भारी किल्लत से जूझना पड़ रहा है। इन गांवों में पानी की टंकियां और पाइप लाइनें बिछी होने के बाद भी यहां के लोगों को तकरीबन एक माह से पानी की एक बूंद भी नसीब नहीं हुई है।

क्षेत्र के ग्रामीणों की मानें तो बांदा जल संस्थान भूरागढ़ से चालू होने वाली पानी की टंकियों के समीप स्थित तीन गांव गोयरा, अछरोड़ व मोहनपुरवा के लोग पानी लूट लेते हैं। वे अपने साथ बंदूकें लिए होते हैं, इसीलिए कोई उनका विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। ग्रामीणों ने बताया कि पानी लूटने और उसकी किल्लत होने की शिकायत मौदहा तहसील के तहसीलदार से लेकर जिलाधिकारी हमीरपुर, चित्रकूट धाम मंडल की आयुक्त और राज्य की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद विशम्भर प्रसाद निषाद से लेकर मंडलीय अभियंता तक से की गई है। लेकिन किसी ने भी उसकी समस्या जानने की जहमत नहीं उठाई।

कुछ ग्रामीणों ने तो यह भी आरोप लगाया कि भूरागढ़ स्थित मंडलीय जल संस्थान के जिस बिंदु से पानी की सप्लाई शुरू होती है, वहां के कनिष्ठ अभियंता पानी के बदले रिश्वत की मांग करते हैं। देश में दबंगों की दबंगई के चलते लोगों को हो रही परेशानियों की यह एक बानगी मात्र हैं। इस गांव के पानी के संकट और अधिकारियों की अनदेखी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्यास के कारण यहां पर अभी तक कई पशु-पक्षियों की जान चली गई है। सच तो यह है कि ग्रामीणों को अपनी जान बचाने के लिए दो रुपये प्रति लीटर की दर से पानी खरीदना पड़ रहा है। आलम यह है कि यहां के लोग पानी मिलने के कारण होने वाली बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें महामारी का डर सता रहा है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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