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मानसून चिंता का प्रमुख कारण : राजन
मुंबई | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि इस साल मानसूनी बारिश औसत से कम रहने की सूरत में महंगाई दर बढ़ सकती है और देश के आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी हो सकती है। आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि महंगाई और विकास दर का अनुमान लगाने में अभी मानसून के प्रभाव पर सर्वाधिक प्रमुखता से विचार किया जा रहा है।
मौद्रिक नीति समीक्षा के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में राजन ने कहा कि कमजोर दक्षिण पश्चिम मानसून के प्रभाव पर सर्वाधिक प्रमुखता से गौर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरबीआई मानसून की प्रगति और उसके नकारात्मक प्रभाव से निपटने में सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर नजर बनाए रखेगा। राजन ने कहा, “पहले भी अल नीनो का प्रभाव रहा था। 2002-03 में बारिश कम हुई थी, लेकिन सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण कीमतें नहीं बढ़ी थीं।”
राजन ने कहा कि सरकार कई तरीके से हस्तक्षेप कर सकती है, जैसे कि अनाजों का भंडार तैयार कर सकती है या दलहन जैसी कमोडिटी का आयात कर सकती है। राजन ने जनवरी 2016 के लिए महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर छह फीसदी कर दिया, जिसे उन्होंने पहले 5.8 फीसदी पर रखा था। 2015-16 की दूसरी द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा के बयान में उन्होंने कहा, “खरीफ सत्र के लिए, भारतीय मौसम विभाग के पहले अनुमान की चिंता बनी है, जिसमें दक्षिण पश्चिम मानसून के दीर्घावधि औसत से सात फीसदी कम रहने की बात कही गई थी। आस्ट्रेलियाई मौसम ब्यूरो द्वारा अल नीनो प्रभाव शुरू होने की पुष्टि करने से यह चिंता और बढ़ गई।” राजन ने यह भी कहा कि कृषि समर्थन मूल्य में वृद्धि को नियंत्रित करने से भी महंगाई कम करने में मदद मिलेगी।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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