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बिजनेस

नेस्ले इंडिया के शेयर में 3 फीसदी की गिरावट

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मुंबई, सरकार द्वारा राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग,नेस्ले इंडिया,प्रमुख ब्रांड मैगी,जियोजीत बीएनपी पारिबा फायनेंशियल सर्विसिस

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मुंबई | सरकार द्वारा राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग (एनसीडीआरसी) में नेस्ले इंडिया की शिकायत किए जाने के एक दिन बाद गुरुवार को शेयर बाजारों में दोपहर के कारोबार में इसके शेयरों में गिरावट देखी गई। सरकार ने एनसीडीआरसी में शिकायत की है कि कंपनी के एक प्रमुख ब्रांड मैगी में कुछ पदार्थ सीमा से अधिक हो सकते हैं।

खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने बुधवार को कहा कि एनसीडीआरसी मामले की जांच कर यथोचित कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार पहली बार उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम की धारा 12-1-डी के तहत कार्रवाई कर रही है। दिल्ली सरकार ने मैगी पर 15 दिनों के लिए पाबंदी लगा दी है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में दोपहर करीब 2.15 बजे नेस्ले इंडिया के शेयर 3.25 फीसदी या 201.15 अंकों की गिरावट के साथ 5989.95 पर कारोबार करते देखे गए। बुधवार को शेयर 6191.10 पर बंद हुए थे।

जियोजीत बीएनपी पारिबा फायनेंशियल सर्विसिस के फंडामेंटल रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “मैगी मुद्दे का शेयर पर भारी प्रभाव पड़ा है। आम तौर पर बाजार में गिरावट के दौरान भी यह शेयर काफी मजबूत रहा है।” उन्होंने कहा, “छोटी से मध्यम अवधि में गिरावट हो सकती है, लेकिन लंबी अवधि में निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह शेयर अब भी आकर्षक है।” नेस्ले इंडिया ने हालांकि कहा है कि उसका उत्पाद सुरक्षित है। बुधवार को यह शेयर 9.05 फीसदी या 616.35 अंकों की गिरावट के साथ 6191.10 पर बंद हुआ था।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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