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बिजनेस

शेयर बाजार : आर्थिक आंकड़ों और मानसून पर रहेगी निगाह

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मुंबई। शेयर बाजारों में आगामी कई प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर निवेशकों की निगाह टिकी रहेगी। अगले सप्ताह निवेशकों की नजर विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल, मानसून और तेल की कीमतों पर भी बनी रहेगी।

भारतीय रिजर्व बैंक सोमवार आठ जून को गत कारोबारी साल की चौथी तिमाही के लिए चालू खाता घाटा के आंकड़े जारी करेगा, तीसरी तिमाही में 8.2 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.6 फीसदी था, और दूसरी तिमाही में 10.1 अरब डॉलर या जीडीपी का दो फीसदी था। सरकार शुक्रवार 12 जून को अप्रैल 2015 के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी करेगी। मार्च महीने में औद्योगिक उत्पादन 2.1 फीसदी बढ़ा था, जबकि फरवरी में यह 4.9 फीसदी बढ़ा था।

शुक्रवार को ही सरकार मई महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े जारी करेगी। उपभोक्ता महंगाई दर अप्रैल में 4.87 फीसदी और मार्च में 5.25 फीसदी रही थी। आगामी सप्ताह में निवेशकों की नजर मानसून की प्रगति पर भी निर्भर करेगी। भारत मौसम कार्यालय ने मानसून के कमजोर रहने की उम्मीद जताई है। मानसून के दौरान कम बारिश होने से कृषि प्रभावित हो सकती है और इसके कारण अर्थव्यवस्था में मांग कमजोर रह सकती है, जिसका कई कंपनियों के शेयरों पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। मानसून हालांकि शुक्रवार को सामान्य तिथि से चार दिन की देरी के साथ शुक्रवार को केरल में प्रवेश कर गया है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ग्रीस अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को 1.6 अरब यूरो का कर्ज चुकाने वाला है। ग्रीस यदि कर्ज चुकाने में विफल रहता है, तो इसका पूरी दुनिया के शेयर बाजारों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। ग्रीस इस कर्ज की एक बड़ी खेप को शुक्रवार को भी चुकाने वाला था, लेकिन गुरुवार को उसने जून के सभी कर्ज को एक साथ 1.6 अरब यूरो चुका देने का फैसला किया।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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