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लाइफ स्टाइल

लंबे समय तक बैठना या खड़े रहना ठीक नहीं

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निशांत अरोड़ा

नई दिल्ली। अगर आप स्वस्थ जीवन और लंबे समय तक जीना चाहते हैं दिन में कम से कम दो घंटे तक खड़े रहने की कोशिश करें। अगर आप खड़े रहने की समयावधि चार घंटे तक बढ़ा सकते हैं तो इससे आपका ही फायदा होगा, यह दावा ब्रिटिश स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों में किया गया है।

स्वस्थ रहने के लिए कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों को कम से कम रोजाना दो घंटे तक खड़े रहना चाहिए। यह दिशानिर्देश स्पोर्ट्स मेडिसिन ब्रिटिश जनरल में प्रकाशित की गई है। दिशानिर्देश पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड और नॉन-प्रोफिट ऑर्गेनाइजेशन एक्टिव वíकंग सीआईसी द्वारा जारी की गई है।

लेकिन कार्यालय में ही क्यों?

कार्यालय से घर जाते समय, मेट्रो ट्रेन या बस में खड़े रहना काफी है? क्या कार्यालय में जो व्यक्ति खड़ा होगा उसे ही स्वास्थ्य लाभ होगा? नई दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के आर.के. सिंघल ने बताया कि यह साबित हो गया है कि खड़े रहना बैठने की तुलना में ज्यादा कैलोरी कम करता है, जब हम ऑफिस या मेट्रो ट्रेन में खड़े होते हैं तो हमारे सभी अंग सक्रिय होते हैं। इसलिए बैठने की तुलना में खड़े रहने की स्थिति में कैलोरी ज्यादा कम होती है।” खड़े रहने के अतिरिक्त आप कार्यालय में थोड़ा पैदल भी चल सकते हैं जिससे और भी ज्यादा कैलोरी कम होगी, क्योंकि मेट्रो में चलना मुमकिन नहीं है।

खड़े रहने से कैलोरी कैसे कम होती है

अमेरिकन काउंसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार चुपचाप खड़ा 68 किलो का व्यक्ति एक घंटे में 114 कैलोरी कम कर सकता है या आठ घंटे में 912 कैलोरी। वहीं सिंघल का कहना है, “मैं सुझाव दूंगा कि खड़े रहने की क्षमता धीरे-धीरे वक्त के साथ आती है और अंत में चार घंटे तक खड़े रहने की क्षमता आपके स्वास्थ्य को लाभ देगी।” लेकिन सबसे पहले खड़े रहने के सही तरीके को सीखना जरूरी है।

सिंघल ने सुझाव दिया, “जब आप खड़े होते हैं तो अपने कंधे और पीठ को आराम दें, अपने सिर को सीधा रखें अपने सीने को बाहर रखने की कोशिश करें और पेट को अंदर, सीधे और सही से खड़े हों।”

नई दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल की रीतिका समाद्दार का कहना है, “हमेशा से यह सुझाव दिया गया कि बैठे रहने से अधिक खड़े रहने की तुलना में कैलोरी कम होती है।” समाद्दार ने बताया, “चलने की क्षमता में थोड़े बदलाव की आवश्यकता है, इसमें आप अपने स्मार्टफोन पर बात करते हुए चल सकते हैं और फोन पर बातचीत के दौरान अपने हाथ हिलाकर बात कर सकते हैं।”

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि थोड़े से बदलाव में अगर आप अपनी सीट से हर आधे घंटे में उठते हैं और अपने पैरों पर खड़े होते हैं तो इससे आप और अधिक स्वस्थ रहेंगे और इससे आपका वजन भी कम होगा। इसके साथ ही आप स्वस्थ भोजन करें।
इन सबके साथ आपको कुछ बातें ध्यान रखने की भी जरूरत है।

लंबे समय तक एक ही स्थिति में खड़े रहना या बैठना हानिकारक है। दरअसल, मांसपेशियों के तनाव के बाद थोड़े आराम की जरूरत होती है..काफी लंबे समय तक खड़े रहना आपको आराम नहीं देगा और इससे पैरों में दर्द भी शुरू हो जाएगा। इसके लिए सिंगल का कहना है कि इससे आपके घुटनों के जोड़ पर प्रभाव पड़ता है।

कोलंबिया एशिया अस्पताल-गाजियाबाद के चिकित्सक डॉ. दीपक वर्मा ने सलाह दी है, “लंबे समय तक खड़े रहना पैरों के दर्द का कारण बनता है और इससे सूजन भी होती है और यह हमारी रीढ़ को भी प्रभावित करता है। ऐसे में हमें लंबे समय तक खड़े रहने से बचना चाहिए।”
वर्मा का कहना है, “15 मिनट से अधिक एक ही स्थिति में खड़े या बैठे ना रहें।” कार्यालय से मेट्रो तक जब भी आपको मौका मिलता है तो बैठने को कहें अलविदा और खड़े हो जाएं। बस इसे ज्यादा समय तक न करें।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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