नेशनल
सेना ने म्यांमार में घुसकर ढेर किया मणिपुर हमले के गुनाहगारों को
नई दिल्ली/ईटानगर। भारतीय सेना ने अदम्य साहस और क्षमता का परिचय देते हुए मणिपुर में 18 सैनिकों को शहीद करने वाले करीब 100 उग्रवादियों को म्यांमार सीमा में दो किलोमीटर अंदर जाकर मार गिराया। सेना की कार्रवाई के दौरान दो आतंकी कैम्पों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। खास बात यह है कि ऑपरेशन में कोई भी भारतीय जवान हताहत नहीं हुआ। लंबे अरसे बाद ऐसा हुआ है, जब भारतीय सेना ने सरहद के पार ऐसे ऑपरेशन को अंजाम दिया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस ऑपरेशन का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने किया।
एडिशनल डायरेक्टर जनरल सैन्य ऑपरेशन मेजर जनरल रणवीर सिंह ने बताया कि नगालैंड और मणिपुर से सटे म्यांमार की सीमा में दो स्थानों पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया कि उग्रवादियों के बारे में सेना को विश्वसनीय और सटीक खुफिया जानकारी मिली थी कि ये उग्रवादी भारतीय क्षेत्र में और हमले करने की साजिश रच रहे हैं। सेना के कमांडो ने मंगलवार सुबह इस ऑपरेशन को म्यांमार सेना के साथ मिलकर अंजाम दिया। सूत्रों का कहना है कि इस ऑपरेशन में पूर्वोत्तर में सक्रिय एनएससीएन (के) और केवाईकेएल के 100 उग्रवादियों के मारे जाने और दो कैंपों के नष्ट किए जाने की खबर है।
मेजर रुचिका शर्मा ने आर्मी की प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि पिछले कुछ दिनों में हमें विश्वसनीय और विशेष सूचना मिली थी कि हमारी सीमा के अंदर कुछ और हमलों की साजिश हो रही है। ये हमले उन्हीं गुटों के द्वारा होने थे, जिन्होंने हाल ही में सेना पर हमला किया था।
उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई विशेष सूचना के आधार पर कमांडो ने म्यांमार के अधिकारियों के साथ तालमेल कायम कर की। यह नोटिस किया गया था कि उग्रवादी हमला करने के लिए सीमापार से आते थे और लौट जाते थे। इस कार्रवाई में सेना ने एमआई-17 हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया।
भारतीय सेना की इस कामयाबी की पुष्टि बुधवार को सूचना और प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने भी की। उन्होंने कहा कि ये प्रधानमंत्री द्वारा लिया गया ऐतिहासिक और साहसिक फैसला था। ये उन पड़ोसी देशों के लिये भी एक कड़ा संदेश है जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं।
नेशनल
महाराष्ट्र में बोले अमित शाह- शरद पवार की चार पुश्तें भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस नहीं ला सकती
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा, “मैं एमवीए वालों से पूछने आया हूं कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होना चाहिए या नहीं?
अमित शाह ने आगे कहा, ”अभी-अभी जम्मू कश्मीर के असेंबली में मीटिंग हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक संकल्प किया कि धारा 370 वापस लाइए, कश्मीर जो है भारत का अभिन्न यंग नहीं है। मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कह कर जा रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पुश्ते भी आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”
अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करके कांग्रेस पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 75 साल से राम मंदिर को लटका रही थी। राहुल गांधी अयोध्या नहीं गए, उन्हें वोट बैंक से डर लगता है। हम बीजेपी वाले उस वोट बैंक से नहीं डरते हैं. हमने काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर भी बनाया, सोमनाथ का मंदिर भी सोने का बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, इसे रोकने का एकमात्र रास्ता बीजेपी की सरकार है। महायुति की सरकार है।
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