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सपा नेता सहित 4 पर छात्रा से दुष्कर्म का आरोप, जेई गिरफ्तार

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सीतापुर। बीए की एक छात्रा का अपहरण कर चलती कार में और घर में बंधकर बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया है। पीड़िता का कहना है कि एक जूनियर इंजीनियर (जेई) छैल बिहारी ने उसे नौकरी का झांसा देकर तीन दिन तक सपा के जिला पंचायत सदस्य चंद्र कुमार तोमर के घर में बंधक बनाया और उसकी मौजूदगी में अपने दो अन्य साथियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।

पीड़िता के मुताबिक, बाद में सभी आरोपी उसे कार से मथुरा लेकर गए। वहां 15 दिनों तक उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया जाता रहा। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इसमें एक गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, सपा नेता सहित तीन आरोपी फरार हैं। पीड़िता का आरोप है कि वह नौकरी की तलाश में सीतापुर के सकरन ब्लॉक में अक्सर जाती रहती थी। वहां उसकी जान-पहचान ब्लॉक में संविदा में तैनात जेई छैल बिहारी से हुई। उसने नौकरी दिलाने का झांसा देकर बीते तीन मई को घर से लेकर गया। इसके बाद उसे गाड़ी में बिठाकर बंधक बना लिया। फिर, उसे सपा नेता और जिला पंचायत सदस्य चंद्र कुमार तोमर के घर लेकर गए। इस दौरान यहां तीन दिनों तक सपा नेता की मौजदूगी में जेई छैल बिहारी, प्रधान पति सुनील जायसवाल और बीडीओ सुरेंद्र कुमार ने सामूहिक दुष्कर्म किया।

इसके बाद सभी आरोपी पीड़िता को कार में ही बंधक बनाकर मथुरा के लिए ले गए। इसी बीच पीड़िता की मां ने थाना सकरन में जेई छैल बिहारी के खिलाफ बेटी को अगवा करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया। पुलिस ने जेई के खिलाफ धारा 363 और 366 बहला-फुसलाकर ले जाने का मुकदमा दर्ज किया। पीड़िता का कहना है कि काफी मान-मन्नौवल करने के बाद आरोपियों ने उसे वापस सीतापुर लाए और किसी को कुछ बताने पर घरवालों को जान से मारने की धमकी देकर रिहा कर दिया। पीड़िता का कहना है कि वह बीती 24 को सकरन पुलिस स्टेशन पहुंची, जहां बयान दर्ज कराने के बाद उसे पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां मजिस्ट्रेट के सामने 164 में बयान दर्ज कराए गए। पीड़िता का कहना है कि मामले में सपा नेता का नाम सामने आने के कारण पुलिस मामले को दबाए रखना चाहती थी, लेकिन मामला मीडिया में आने पर पुलिस ने आरोपी जेई छैल बिहारी को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

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उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत

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नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे केस में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।

मौलाना अरशद मदनी ने किया फैसले का स्वागत

कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कोर्ट ने बिल्कुल सही स्टैंड अपनाया है। यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम मुबारकबाद देते हैं उन जजों को जिन्होंने लोगों की दिल की बात को सुना है, उनकी परेशानियां अपनी परेशानी समझी है। खुदा करें हमारे देश में इसी तरह गरीबों को सही हक देने के फैसले होते रहे। हम तो यह समझते हैं कि फैसला बहुत अच्छा आया है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, “कोई चीज वैध हो या अवैध “इसका फैसला न्यायपालिका करेगी। यहां फैसला आज सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। मौलाना अरशद मदनी ने गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी।

बता दें कि इससे पहले इसी मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का जानी चाहिए।

 

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