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प्रादेशिक

प्रतिबंधित एनजीओ की सूची में गलती से नाम आया : आईआईटी खड़गपुर

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कोलकाता | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी ), खड़गपुर ने शुक्रवार को कहा कि गृहमंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित किए गए गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) की सूची में संस्थान का नाम भूलवश आ गया है। गृहमंत्रालय ने कुछ दिनों पहली ही विदेशी धन प्राप्त करने के मामले में दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर 4,470 एनजीओ को प्रतिबंधित कर दिया था, जिसमें आईआईटी खड़गपुर का भी नाम शामिल है। संस्थान ने कहा कि इस मामले को संबंधित मंत्रालय के समक्ष उठाया गया है।

प्रतिबंधित 4,470 एनजीओ और संस्थानों में अकेले 679 एनजीओ पश्चिम बंगाल के हैं। प्रतिबंधित किए गए एनजीओ में एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स, आईआईटी-खड़गपुर, मेघन डेविड आराधनालय, इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशसनेस (इस्कॉन) और सेंट जेवियर कॉलेज के नाम प्रमुख हैं। आईआईटी खड़गपुर के अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “मामले को संबंधित मंत्रालय के समझ उठाया गया है। राजपत्र के अनुसार आईआईटी खड़गपुर एफसीआरए (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) रिटर्न दाखिल करने के लिए विवश नहीं है और गलती मंत्रालय की ओर से की गई है।”

अधिकारी ने कहा, “पश्चिम बंगाल के लिए तैयार की गई सूची में आईआईटी का नाम शामिल किए जाने के संबंध में साइट में की गई गलत प्रवृष्टि को एफसीआरए के नेतृत्व में मंत्रालय द्वारा परिवर्तित कर दिया जाएगा।” अधिकारी ने कहा कि इसके बाद मामले के संबंध में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सूचित किया जाएगा, क्योंकि संस्थान इसी मंत्रालय के अंतर्गत आता है। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों 9,000 एनजीओ के रिकॉर्ड की छानबीन के बाद केंद्रीय गृहमंत्रालय ने एफसीआरए का पालन न करने पर 4,470 एनजीओ के लाइसेंस रद्द कर दिए थे।

एनजीओ द्वारा प्राप्त विदेशी चंदे के लिए दिशा-निर्देश तय करने वाले विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम-2010 के मुताबिक, इस प्रकार के किसी भी हस्तांतरण का हस्तांतरणकर्ता और प्राप्तकर्ता द्वारा नियत रिटर्न में ब्यौरा देना होता है। एफसीआरए की वेबसाइट के मुताबिक, बंगाल में 670 एनजीओ, कला, संस्कृति, धार्मिक प्रतिष्ठानों और शैक्षणिक संस्थानों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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