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नेशनल

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर लगा ललित मोदी की मदद करने का आरोप

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Sushma-Lalit

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नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व आयुक्त ललित मोदी की सहायता करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। खबरों के मुताबिक ईडी के आरोपी ललित मोदी की सुषमा ने मदद की थी। हालांकि सुषमा स्वराज ने यह स्पष्ट करने की कोशिश की है कि उन्होंने केवल मानवीय आधार पर ललित मोदी की मदद की थी।

जिस वक्त का यह मामला है, उस दौरान ललित मोदी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तलाश कर रहा था। सुषमा स्वराज ने भी माना है कि विदेश मंत्री बनने के बाद वह जुलाई 2014 में ललित मोदी के संपर्क में थीं। सुषमा ने ट्वीट किया है कि ललित मोदी की पत्नी की तबीयत खराब थी और 4 अगस्त को उनकी पत्नी की पुतर्गाल में सर्जरी होनी थी। ललित ने मुझसे कहा कि उन्हें अस्पताल में कंसेंट पेपर पर दस्तखत करने के लिए मौजूद रहना है। लेकिन यूपीए सरकार के एक सर्कुलर की वजह से वे ऐसा नहीं कर सकते हैं। इन हालात में ललित मोदी के ब्रिटेन से निकलकर पुर्तगाल जाने में सुषमा ने निजी तौर पर मदद की। इस मामले में उन्होंने ब्रिटिश उच्चायुक्त से भी बात की। रविवार को इस मामले में हो-हल्ला मचने पर सुषमा ने यह स्पष्ट करने की कोशिश की है कि ललित मोदी को उनकी मदद केवल मानवीय आधार पर थी।

खबरों में यह भी कहा जा रहा है कि 2013 में लोकसभा में विपक्ष के नेता पद पर रहते हुए सुषमा स्वराज ने अपने एक रिश्तेदार का ब्रिटेन में ऐडमिशन करवाने के लिए ललित मोदी की मदद ली थी। इसी काम के बदले सुषमा पर ललित मोदी की मदद करने के आरोप लगे हैं।

नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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