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प्रादेशिक

अब गोवा में भाजपा के मंत्री की डिग्री पर खड़ा हुआ विवाद

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पणजी। आम आदमी पार्टी (आप) की गोवा इकाई ने गुरुवार को आरोप लगाया कि राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री रामकृष्ण उर्फ सुदीन धावलिकर की विज्ञान में स्नातक (बीएससी) की डिग्री फर्जी है। आप के आरोपों को सुदीन की पार्टी ने निराधार बताया, वहीं मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने कहा कि मंत्री बनने के लिए शिक्षा कोई मापदंड नहीं है। आप पार्टी ने मंत्री सुदीन को उसके आरोपों का जवाब देने के लिए शुक्रवार का समय दिया है। जवाब नहीं मिलने पर पार्टी उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएगी।

सुदीन धावलिकर महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के सदस्य हैं। एमजीपी के लावू मामलेदार ने आप के आरोपों को निराधार करार दिया। एमजीपी के विधानसभा में तीन विधायक हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में सहयोगी पार्टी है। आप की राज्य इकाई की अनुशासन समिति के प्रमुख दिनेश वाघेला ने एक प्रेस वार्ता के दौरान पणजी में कहा कि धावलिकर ने राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष दायर हलफनामे में कहा है कि उन्होंने 1979-80 में अपना स्नातक पूरा किया है, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है।

वाघेला ने कहा, “गोवा में आप के पास इस बात पर विश्वास करने के कई कारण हैं कि धावलिकर ने अपना स्नातक पूरा नहीं किया है और न ही उनके पास वह डिग्री है, जिसका उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष दायर शपथपत्र में दावा किया है।” अपने शपथपत्र में धवलिकर ने कहा है कि उन्होंने दक्षिणी गोवा के पार्वतीबाई चौगले महाविद्यालय (मुंबई विश्वविद्यालय से संबद्ध) ने शैक्षिक सत्र 1979-80 में बीएससी की डिग्री हासिल की थी।

आप का कहना है कि पार्टी के पास कई सबूत हैं तो यह साबित करते हैं कि धावलिकर ने अपना स्नातक पूरा नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में आप के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर को दिल्ली पुलिस ने फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार किया है। वाघेला ने कहा, “हम धावलिकर को जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय दे रहे हैं। अगर उनका जवाब नहीं आया तो हम पुलिस में उनके खिलाफ शपथपत्र में गलत जानकारी देने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराएंगे।”

कई प्रयासों के बावजूद धावलिकर से संपर्क नहीं हो पाया। हालांकि उनकी पार्टी के प्रवक्ता लावू मामलेदार ने कहा, “उन्होंने (धावलिकर) ने अपना स्नातक मेरे साथ पूरा किया था। कॉलेज के समय में हम दोनों ने एक साथ पढ़ाई की है।” मामलेदार ने कहा कि आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि आरोप किस कारण से लगाए जा रहे हैं। हालांकि आरोप झूठे हैं।” सत्ताधारी भाजपा के प्रवक्ता विल्फ्रेड मेसक्यूटा ने कहा कि गलत शपथपत्र दायर करने के मामले में कार्रवाई करने का विवेकाधिकार निर्वाचन आयोग का है।

पणजी में संवाददाताओं से बात करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री पारसेकर ने कहा कि मंत्रिमंडल का सदस्य बनने के लिए शैक्षिक योग्यता कोई मापदंड नहीं है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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