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प्रादेशिक

बिजली की बढ़ी हुई दरें वापस ले सरकार : मायावती

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Mayawati

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार से सूबे में बिजली की बढ़ी दरें वापस लेने की मांग की है। मायावती ने कहा है कि घरेलू तथा अन्य बिजली की दरों को बढ़ाना प्रदेश सरकार की घोर विफलता का उदाहरण है।

मायावती ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार घरेलू बिजली की बढ़ी दरें तत्काल वापस ले। उन्होंने कहा, “प्रदेश सरकार एक तो प्रदेश की जनता को पर्याप्त बिजली नहीं दे पा रही है, दूसरी तरफ दाम बढ़ाकर जनता की कमर तोड़ने का काम कर रही है।” मायावती ने कहा, “इस बार घरेलू बिजली दरों में 17 फीसदी वृद्धि की गई है, जो भोली जनता के साथ बड़ा धोखा है। इससे उत्तर प्रदेश के करोड़ों निवासियों को महंगाई का एक और झटका लगेगा।”

उन्होंने कहा कि अभी तक खराब बिजली ट्रांसफार्मर, अनियमित बिजली आपूर्ति, खराब मीटर को झेल रहे लोगों को अब बड़े संकट का सामना करना पड़ेगा। बिजली आपूर्ति में सुधार के लंबे-चौड़े वादे की अब पोल खुलने लगी है। मायावती ने कहा, “अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था तथा जनहित व विकास के कामों में इस सरकार का जितना रिकार्ड खराब है, उससे भी ज्यादा खराब रिकार्ड बिजली के मामले में है।” उन्होंने कहा, “2012 के विधानसभा चुनाव से पहले घोषणा पत्र में दावा किया गया था कि गांवों में 20 तथा शहरों में 22 घंटे बिजली की आपूर्ति होगी। इसके साथ ही कृषि तथा उद्योगों के लिए अलग फीडर की व्यवस्था होगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। तीन वर्ष के कार्यकाल में सरकार का झूठ सभी को दिखने लगा है।”

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बिजली जैसी सबसे जरूरी चीज की दरों में इजाफा करने का सरकार का निर्णय बेहद निंदनीय तथा अनुचित है। सरकार को अपने फैसले वापस लेने चाहिए।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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