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प्रादेशिक

सीएम अखिलेश ने संस्कृत विद्वानों का किया सम्मान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को संस्कृत के विद्वानों को सम्मानित किया। उन्होंने वाराणसी के आचार्य रामयत्न शुक्ल को संस्कृत के सर्वोच्च विश्वभारती पुरस्कार से अलंकृत किया। इस पुरस्कार के तहत पांच लाख एक हजार रुपये भेंट किए जाते हैं।

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की तरफ से मुख्यमंत्री के 5, कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर आयोजित इस सम्मान समारोह में अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए हर संभव काम करेगी। उन्होंने कहा कि संस्कृत सबसे प्राचीन और सम्मान वाली भाषा है। विद्वानों की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को केंद्रीय यूनिवर्सिटी बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज देगी। उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए यदि केंद्र सरकार चाहे तो उप्र में संस्कृत का एक नया केंद्रीय विश्वविद्यालय खोल सकती है, राज्य सरकार इसके लिए आवश्यक जमीन मुहैया करा देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी सरकार ने सदैव ही भारतीय भाषाओं के उत्थान के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि नेताजी (सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव) ने भी अपने मुख्यमंत्रित्व काल में इस दिशा में महत्वपूर्ण काम किया था। कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, हिंदी संस्थान के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह और विश्वभारती पुरस्कार से सम्मानित आचार्य रामयत्न शुक्ल ने भी संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने मिर्जापुर के डॉ. प्रभुनाथ द्विवेदी और लखनऊ की डॉ. शशि तिवारी को महर्षि व्यास पुरस्कार (प्रत्येक को दो लाख एक हजार रुपये), कन्नौज के डॉ. जयशंकर त्रिपाठी, इलाहाबाद के डॉ. आनंद कुमार श्रीवास्तव, डॉ. धर्मेद्र कुमार, आचार्य रवींद्र नागर और आचार्य रामकिशोर त्रिपाठी को विशिष्ट पुरस्कार के तहत प्रत्येक को एक लाख एक हजार रुपये भेंटकर सम्मानित किया। इसके अलावा दस विद्वानों को वेद पंडित पुरस्कार और चार विभूतियों को नामित पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन सभी 14 विद्वानों को 51-51 हजार रुपये भेंट किए गए।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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