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प्रादेशिक

अधिकार विवाद : केंद्र ने तेलंगाना, आंध्र के राज्यपाल को किया तलब

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हैदराबाद। केंद्र सरकार ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ई.एस.एल नरसिम्हा राव को नई दिल्ली बुलवाया है। केंद्र ने राज्यपाल को दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी हैदराबाद में राज्यपाल के विशेषाधिकार को लेकर चल रहे विवाद के बीच राज्यपाल को बुलाया है। राज्यपाल गुरुवार की शाम दिल्ली के लिए रवाना होंगे। वह शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे।

माना जा रहा है कि वह केंद्रीय गृहमंत्री को दोनों राज्यों के बीच में जारी विवाद और घटनाक्रम के बारे में जानकारी देंगे। ज्ञात रहे कि नोट के बदले वोट और फोन टैपिंग के मामले में दोनों राज्यों के बीच विवाद चल रहा है। नरसिम्हा को अभी कुछ दिनों पहले ही भारत के महान्यायवादी ने उन्हें कथित तौर पर सलाह दी थी कि वे आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की धारा आठ का इस्तेमाल कर विशेषाधिकार का प्रयोग करें और नोट के बदले वोट मामले पर निगरानी रखें।

हैदराबाद में रह रहे सभी धर्मों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आंध्र प्रदेश धारा-8 को लागू करने की मांग कर रहा है। मुख्यमंत्री ए. चंद्रबाबू नायडू ने कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस धारा को लागू करने की मांग की थी। साथ ही उन्होंने तेलंगाना सरकार द्वारा कथित फोन टैपिंग के मामले की जांच की मांग की थी। तेलंगाना विधानसभा में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) सदस्य रेवंत रेड्डी को 31 मई को एसीबी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद नायडू ने इस धारा को लागू किए जाने की मांग की थी। इसके अलावा एक ऑडियो टेप को भी प्रसारित किया गया था, जिसमें वे मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफन्सन से बातचीत करते हुए सुनाई दे रहे हैं।

रेवंत को उस वक्त गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने तेलंगाना विधान परिषद के चुनाव में तेदेपा-भाजपा उम्मीदवार को वोट देने के लिए मनोनीत विधायक स्टीफन्सन को 50 लाख रुपये के रिश्वत की पेशकश की। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार ने नायडू पर नोट के बदले वोट मामले में कानून से बचने के लिए धारा आठ लागू करने की मांग करने का आरोप लगाया। वहीं आंध्र की तेदेपा सरकार ने तेलंगाना सरकार पर नायडू और उनके सहयोगी मंत्रियों का फोन टैप करने आरोप लगाया।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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